अब दिल्ली जल बोर्ड देगा घरेलू पानी के कनेक्शन- सत्येंद्र जैन
मंगलवार को दिल्ली जल बोर्ड की बैठक में यह अहम फैसला लिया गया। इसके तहत अब डीजेबी सभी उपभोक्ताओं को घरेलू पानी का कनेक्शन उपलब्ध कराएगा। इसमें पानी की पाइप लाइन बिछाना और उपभोक्ता के घर तक मीटर लगाना शामिल है। इससे दूषित पानी की समस्या से निजात मिलेगी और अनाधिकृत कनेक्शन कम होंगे, जिसकी वजह से डीजेबी के नेटवर्क में काम करने वाले मीटरों की संख्या में वृद्धि होगी। डीजेबी वर्तमान में 13,000 किलोमीटर से अधिक पानी की पाइपलाइन नेटवर्क का रखरखाव करता है।
डीजेबी ओखला में 20 एमजीडी (मिलियन गैलन प्रति दिन) की क्षमता का एक आरओ प्लांट बनाने जा रहा है। बैठक में डीजेबी अध्यक्ष सत्येंद्र जैन ने इस परियोजना को मंजूरी दे दी है। इसके तहत रोजाना 20 एमजीडी पीने योग्य पानी का वितरण किया जाएगा, जो कि पाइप लाइन के द्वारा दिल्ली की जनता के घरों तक पहुंचाया जाएगा। इस आरओ प्लांट में पानी की आपूर्ति झीलों और भूजल से की जाएगी। जमीन से पानी सिर्फ उन इलाकों से निकाला जाएगा, जहां पानी का स्तर काफ़ी ऊपर है। इस परियोजना को मई 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना से दिल्ली के 8-10 निर्वाचन क्षेत्रों को तत्काल राहत मिलेगी। इस परियोजना में निजी निवेशक निवेश करेंगे तथा आरओ प्लांट को 15 साल तक चलाएँगे। डीजेबी इन निवेशकों से स्वच्छ पेयजल खरीदेगा। इसके अलावा, डीजेबी अगले 8 महीनों में आरओ प्लांट की कुल 100 एमजीडी क्षमता बनाने की परियोजनाओं पर भी काम कर रहा है।
किसी भी बेहतर शासन व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने के लिए जनता की भागीदारी होना आवश्यक होता है। जनता को सरकारी सुविधा का पूर्ण लाभ मिले, इसके लिए शिकायत केंद्र और संचार केंद्र की मुख्य भूमिका होती है। इसलिए डीजेबी ने नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और डीजेबी अधिकारियों से मिलकर वार्ड और जोन स्तर पर जल एवं सीवेज समिति के गठन को मंजूरी दी है। यह समिति दो स्तर पर होगी, एक वार्ड के स्तर पर और दूसरी जोन के स्तर पर। वार्ड स्तरीय समिति में 7 सदस्य होंगे तथा जोनल कमेटी में 12 सदस्य होंगे।
जल मंत्री ने रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम में दी जाने वाली वित्तीय सहायता के स्लेब में भी बदलाव करने के निर्देश दिये हैं। इसमें अब सभी श्रेणियों को हटाकर केवल दो श्रेणियों को ही रखा गया है। यानी अब 500 वर्ग मीटर से कम क्षेत्रफल वाले घरों के लिए 25,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी और 500 वर्ग मीटर या इससे अधिक क्षेत्रफल वाले मकानों के लिए 50,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
यमुना नदी में प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। इसके तहत 14 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में वातन तंत्र यानी ऐरेशन तंत्र लगाए जाएंगे, जिनकी क्षमता 220 एमजीडी होगी। इस ऐरेशन प्रणाली द्वारा पानी की गुणवत्ता में सुधार होगा और मौजूदा बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) को 20-30 मिलीग्राम/लीटर के स्तर से घटाकर 10 मिलीग्राम /लीटर तक लाया जाएगा। इस परियोजना की लागत 153 करोड़ रुपये होगी और इसे 1 साल में पूरा किया जाएगा। इस परियोजना के अंतर्गत प्रतिदिन यमुना में बहने वाला लगभग 10,000 किलोग्राम आर्गेनिक प्रदूषक कम होगा।