Editorial : नया ट्रेड वॉर
Editorial: New trade war

Editorial : दुनिया में वैश्विक व्यापार नए सिरे से दोबारा स्थापित होने जा रहा है। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) अब मुख्य स्तंभ के रूप में नहीं बचा है और सबसे पसंदीदा राष्ट्र (एमएफएन) के दर्जे के तहत गैर भेदभावपूर्ण शुल्क खत्म हो रहे हैं।
ऐसे में भारत ने इस नए बदलाव को समझते हुए रणनीतिकपूर्वक एक अप्रैल से प्रभावी होने वाले वर्ष 2025-26 के बजट में अमरीका से आने वाली वस्तुओं जैसे महंगी मोटरसाइकिल, सैटेलाइट के लिए ग्राउंड इंस्टॉलेशन और सिंथेटिक फ्लेवरिंग एसेंस जैसे कुछ सामानों पर शुल्क घटा दिए हैं।
ट्रंप के द्वारा 4 मार्च से कनाडा और मैक्सिको पर 25 फीसदी और चीन के आयात पर भी 10 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ प्रभावी किए जाने के बाद इन देशों के द्वारा भी अमरीका पर जवाबी टैरिफ लगाए जाने से नया ट्रेड वॉर शुरू हो गया है।
यद्यपि अभी ट्रंप ने भारत पर टैरिफ रेट का ऐलान नहीं किया है, किंतु भारत पर टैरिफ वृद्धि चीन और कनाडा से कम ही होगी। भारत के लिए ट्रंप की चुनौतियों के बीच वैश्विक कारोबार के नए अवसर भी निर्मित हो रहे है।
एक ओर अमरीका में भारत के निर्यात बढ़ सकते हैं, वहीं दूसरी ओर भारत को वैश्विक निर्यात मं भी बढ़त मिल सकती है। अब चीन पर अमरीका के द्वारा भारी टैरिफ लगाने से अमरीका चीन टैरिफ वॉर के कारण जिन क्षेत्रों में चीन अमरीका को प्रमुखता से निर्यात करता है, उनमें से कई क्षेत्रों में अमरीका को भारत अपना निर्यात सरलता से बढ़ा सकता है।
Read Also =Editorial : दिल्ली की राजनीति में अब सवाल
इस परिप्रेक्ष्य में भारतीय निर्यातकों को अमरीका बाजार में पहुंच बढ़ाने के लिए वर्ष 2025-26 के बजट में स्वीकृत किया गया एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन अहम भूमिका निभाएगा।
खास बात यह भी है कि जहां अमरीका से निर्मित टैरिफ चुनौतियों के बीच अब भारत को निर्यात के नए मौके मिलने की उम्मीद है, वहीं ट्रंप की नीति से भारत को चीन प्लस वन के रूप में दुनिया के वैश्विक व्यापार में तेजी से बढऩे का मौका भी मिलते हुए दिखाई दे सकेगा।
Read Also =Editorial : सोशल नेटवर्किंग साइट्स का युग
यहां यह उल्लेखनीय है कि 4 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया का हर देश भारत के साथ आर्थिक कारोबारी साझेदारी मजबूत करना चाहता है।