आध्यात्मिक साधना से संतुलित शांत जीवन शैली संभव: आचार्य लोकेश
दुबई में पहली बार जैन आचार्य लोकेशजी के सान्निध्य में पर्युषण महापर्व का जैन संघ में भारी उत्साह
अहिंसा विश्व भारती एवं विश्व शांति केंद्र के संस्थापक जैन आचार्य लोकेश के सन्निधि में पहली बार दुबई मे आयोजित होने जा रहा है पर्युषण महापर्व | दुबई जैन संघ द्वारा 31 अगस्त से 8 सितंबर तक आयोजित पर्युषण महापर्व में हजारों श्रद्धालू भाग लेंगे, नियमित रूप से आराधना करेंगे और प्रवचन का श्रवण करेंगे | अनेक धर्मविलंबी तपस्या और साधना भी करेंगे, 9 सितंबर को तपस्या का पारणा व क्षमायाचना पर्व का आयोजन होगा | संघ के अधिकारियों ने बताया कि विश्व विख्यात जैन आचार्य लोकेशजी की वाणी सुनने के लिए श्रद्धालुओं मे बेहद उत्साह है, भारी संख्या मे युवा भी इस पर्व में भाग लेने जा रहे हैं |
विश्व शांति दूत आचार्य लोकेश ने दुबई प्रस्थान के पूर्व अहिंसा विश्व भारती के मुख्यालय मे सभा को संबोधित करते हुये कहा कि देश दुनिया में फैले लाखों जैन धर्मावलम्बी पर्युषण एवं दसलक्षण महापर्व की आराधना करते हैं | पर्युषण पर्व का आध्यात्मिक महत्व शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की अशुद्धियों से स्वयं को शुद्ध करना है। इस दौरान जैन धर्मावलंबी कई तरह की तपस्या करते हैं, जिसमें उपवास, ध्यान, साधना, मौन, धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन एवं गुरु वाणी का श्रवण करना शामिल है।
परम पूज्य आचार्य लोकेश ने कहा कि जिन देशों में चरम भौतिक विकास हुआ है उसके बावजूद तनाव, डिप्रेशन, अवसाद, आत्महत्या पारवारिक क्लेश तलाक़ जैसी घटनाओं का सामना करना पड़ता है | भौतिक साधन जो केवल कुछ समय के लिए शारीरिक सुख उपलब्ध कराते है उनकी अधिकता होने के बावजूद भी मन एवं मस्तिष्क की शांति के लिए व्यक्ति के पास साधन उपलब्ध नहीं हो पाते | उन्होने कहा कि सुख और शांति का संबंध पदार्थ और परिस्थिति से नहीं हमारी मनोस्थिति एवं शारीरिक स्वास्थ्य से है | मन की शांति और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए ध्यान, योग, सद् साहित्य का पठन पाठन अमोघ अस्त्र हैं, यही कारण है कि विदेशों में भी ध्यान, योग और अध्यात्म के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है |
आचार्यश्री लोकेश ने कहा कि इस वर्ष भारत में दिल्ली एनसीआर में विश्व शांति केंद्र का उदघाटन होने जा रहा है जल्द ही अमेरिका में भी विश्व शांति केंद्र का शुभ्भारंभ होगा | जहां से भगवान महावीर दर्शन एवं जैन जीवन शैली के माध्यम से व्यक्ति, परिवार एवं समाज में संतुलन बनाने मार्ग प्रशस्त होगा| यह केंद्र विश्व शांति एवं सद्भावना की स्थापना में अहम भूमिका निभाएगा |
उल्लेखनीय है कि गत एक दशक से आचार्यश्री लोकेश के सान्निध्य में अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, सिंगापूर, मलेशिया पर अनेकों बार पर्युषण महापर्व का आयोजन हुआ है |