परम संत कृपाल सिंह जी महाराज ने लाखों लोगों के जीवन को रूहानियत की ओर किया – संत राजिन्दर सिंह जी महाराज

Param Sant Kripal Singh Ji Maharaj turned the lives of millions of people towards spirituality - Sant Rajinder Singh Ji Maharaj

सावन कृपाल रूहानी मिशन द्वारा 21 अगस्त, 2024 को परम संत कृपाल सिंह जी महाराज के 50वें बरसी भंडारे के अवसर पर कृपाल बाग, दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में भाई-बहन उन्हें अपनी भाव-भीनी श्रद्धांजलि देने के लिए इकट्ठे हुए।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सावन कृपाल रूहानी मिशन के वर्तमान अध्यक्ष 
संत राजिन्दर सिंह जी महाराज का विडियो सत्संग प्रसारित किया गया, जिसमें उन्होंने कहा कि, ”परम संत कृपाल सिंह जी महाराज ने विश्व शांति और मानव एकता के लिए अथक परिश्रम किया। उन्होंने विभिन्न धर्मों, भाषाओं और आस्थाओं से संबंध रखने वाले लोगों को इकट्ठा कर यह समझाया कि हम सब पिता-परमेश्वर के एक बड़े परिवार के सदस्य हैं। उन्होंने हमें अध्यात्म के मार्ग पर चलना सिखाया और अपनी दिव्य शिक्षाओं को दूर-दूर तक फैलाकर लाखों लोगों के जीवन को रूहानियत की ओर मोड़ दिया।“

”परम संत कृपाल सिंह जी महाराज चाहते थे कि हम शांति, खुशी और सदभाव का जीवन जियें। छोटी उम्र से ही उनका ध्यान पिता-परमेश्वर की ओर था। वो चाहते थे कि हम सब अपने जीवन के मुख्य ध्येय जोकि अपने आपको जानना और पिता-परमेश्वर को पाना है, को इसी जीवन में पूरा करें।“

आखिर में संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने दिव्य-प्रेम और आध्यात्मिकता से भरपूर अपने विश्व-व्यापी संदेश में कहा कि, ”यह परम संत कृपाल सिंह जी महाराज की वर्षों की कड़ी मेहनत और समर्पण का ही परिणाम है कि आज दुनियाभर में लाखों लोग रूहानियत के मार्ग पर चल रहे हैं और प्रतिदिन ध्यान-अभ्यास में भी समय दे रहे हैं।“

इस अवसर पर उनके जीवन से संबंधित अनेक फिल्में भी दिखाई गई, जिनमें यह दर्शाया गया कि किस प्रकार उन्होंने लाखों लोगों का ध्यान प्रभु की ओर कर दिया। कार्यक्रम में उपस्थित अनेक लोगों ने अपने साथ बीते रूहानी अनुभव सभी को बताए।

परम संत कृपाल सिंह जी महाराज के 50वें बरसी भंडारे के अवसर पर उनकी प्यार भरी याद में भारत के अनेक राज्यों के अलावा दिल्ली के 115 प्रमुख स्थानों पर हजारों की संख्या में लोगों को भोजन वितरित किया गया तथा इसके साथ ही उन्हें मिशन का साहित्य भी निःशुल्क दिया गया।

इस अवसर पर शांति अवेदना सदन, राज नगर, नई दिल्ली में कैंसर से पीड़ित भाई-बहनों को मिशन की ओर से दवाईयाँ, फल व अन्य उपयोगी वस्तुओं का मुफ्त वितरण किया गया।

विभिन्न धर्मों के संत-महात्माओं को एक ही मंच पर बिठाने का श्रेय परम संत कृपाल सिंह जी महाराज को ही जाता है। जिसके परिणामस्वरूप उनकी अध्यक्षता में चार विश्व धर्म सम्मेलन 
(1957, 1965, 1969, 1970) में आयोजित किए गए। जिसमें विभिन्न धर्मों के अनेक संत-महात्माओें ने भाग लेकर आपस में विचार-विमर्श कर यह अनुभव किया कि भले ही हम अलग-अलग धर्मों से संबंध रखते हों पर एक ही पिता-परमेश्वर की संतान होने के नाते हम सब आपस में भाई-बहन हैं। उनके इस महान योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

फरवरी 1974 में उन्होंने मानव एकता सम्मेलन आयोजित किया, जिसे तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गाँधी जी ने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा था कि, ”सम्राट अशोक के बाद यह पहला सम्मेलन है जो कि परम संत कृपाल सिंह जी महाराज द्वारा मानव जाति के कल्याण के लिए आयोजित किया जा रहा है।“ वे पहले ऐसे महापुरुष थे जिन्होंने भारतीय संसद को 1 अगस्त, 1974 को संबोधित किया। जिसमें उन्होंने कहा कि, ”यदि हम विश्व-कल्याण की कामना करते हैं तो शासन में रूहानियत को लाना ही होगा।“

21 अगस्त, 1974 को परम संत कृपाल सिंह जी महाराज के निजधाम प्रस्थान करने के पश्चात दयाल पुरुष संत दर्शन सिंह जी महाराज ने उनके इस कार्य को आगे बढ़ाया और उनके उपरांत संत राजिन्दर सिंह जी महाराज आज संपूर्ण विश्वभर में परम संत कृपाल सिंह जी महाराज द्वारा शुरू किए गए रूहानियत के कार्य को बड़ी ही तेज गति से फैला रहे हैं।
सावन कृपाल रूहानी मिशन के अध्यक्ष संत राजिन्दर सिंह जी महाराज आज संपूर्ण विश्व में ध्यान-अभ्यास द्वारा प्रेम, एकता व शांति का संदेश प्रसारित कर रहे हैं, जिसके फलस्वरूप उन्हें विभिन्न देशों द्वारा अनेक शांति पुरस्कारों के साथ-साथ पाँच डॉक्टरेट की उपाधियों से भी सम्मानित किया जा चुका है।

सावन कृपाल रूहानी मिशन के आज संपूर्ण विश्व में 3200 से अधिक केन्द्र स्थापित हैं तथा मिशन का साहित्य विश्व की 55 से अधिक भाषाओं में प्रकाशित हो चुका है। इसका मुख्यालय विजय नगर, दिल्ली में है तथा अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय नेपरविले, अमेरिका में स्थित है।

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