बहुमंजिला इमारत गिरने मामले पर नगर निगम कर्मियों को क्लीन चिट

बहुमंजिला इमारत गिरने से दो मासूमों की मौत की जांच में उत्तरी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र के अधिकारियों को क्लीन चिट दे दी गई है। लेकिन इस मामले की एक बार फिर जांच की जाएगी। दरअसल 13 सितंबर पुरानी सब्जी मंडी क्षेत्र में एक बहुमंजिला इमारत गिर गई थी, जिसके बाद निगम के अधिकारियों कर्मचारियों से लापरवाही हुई या नहीं इसकी जांच कराई गई थी। निगमायुक्त संजय गोयल के आदेश के बाद मंगलवार को जांच समिति ने रिपोर्ट सौंप दी। जांच समिति ने सिविल लाइंस जोन के चार अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की, जिसमें कनिष्ठ अभियंता विपिन, उपायुक्त सतनाम सिंह, सहायक अभियंता केसी रोहिल अधिशासी अभियंता संजय शर्मा शामिल हैं।
रिपोर्ट में साफ कर दिया गया है कि, निगम के स्तर पर कोई लापरवाही नहीं हुई है। क्योंकि इमारत न तो जर्जर थी, न किसी प्रकार की इमारत को लेकर शिकायत प्राप्त हुई थी। उस इमारत में किसी तरह कोई क्रैक प्लास्टर नहीं मिला है। इसी कारण किसी की जिम्मेदारी निर्धारित नहीं हुई है। निगम के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, 4 से 5 स्थानीय लोगों के आधिकारिक बयान लिए गए थे, जिनके अनुसार दुकान का शटर डाल निर्माण कार्य किया जा रहा था, वहीं इसको लेकर निगम के पास न मुख्यालय न ही जोनल विभाग में किसी तरह की आधिकारिक शिकायत मिली है।
इसके अलावा इससे पहले किसी तरह की कोई शिकायत आती या पता लगता तब तक इमारत गिर चुकी थी। इसलिए इसमें किसी की जिम्मेदारी निर्धारित नहीं होती है। जांच अधिकारियों ने इसी आधार पर सभी को क्लीन चिट दे दी है। दूसरी ओर उत्तरी पूर्वी निगम के स्थायी समिति के अध्यक्ष जोगी राम जैन ने कहा कि, एक बार विस्तृत रिपोर्ट पढ़ने के बाद परखेंगे कि कितने कर्मचारी अन्य अधिकारियों की इस मामले पर क्या जिम्मेदारियां बनती हैं। इसके बाद निगम के महापौर नेता सदन से इसपर विचार करेंगे साथ ही कमिश्नर से भी पूछेंगे, वहीं इसपर फिर से जांच करेंगे। निगम ने इस घटना के बाद एक बार फिर से जर्जर इमारतों का सर्वे किया, जानकारी के मुताबिक 48 घंटे बाद आए सर्वे के मुताबिक कुल उस वार्ड में 38 इमारतें जर्जर पाई गई थीं। वहीं घटना से पहले उस वार्ड में करीब 20 इमारत जर्जर थीं।
News Source : News Nation TV