वायु प्रदूषण रोकने को एक्शन में सरकार- गोपाल राय
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री श्री गोपाल राय ने आज दिल्ली में निर्माण कार्य करने वाली सभी निजी एजेंसियों के साथ दिल्ली सचिवालय में बैठक की और एजेंसियों से धूल प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों से अवगत कराया। इस दौरान बैठक में मौजूद प्राइवेट निर्माण एजेंसियों के प्रतिनिधियों से सुझाव भी लिए गए। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि प्रदूषण हमारी और हमारे बच्चों की जिंदगी से जुड़ा मुद्दा है। हम सभी को मिलकर अपनी सांसों के लिए लड़ना होगा। इसलिए हम सभी को अपनी-अपनी जिम्मेदारी को पूरी इमानदारी के साथ निभागी होगी। सभी प्राइवेट एजेंसी अपने निर्माण साइट पर एक कर्मचारी को नियुक्त करे, जो यह देखे कि मानदंडों का पालन हो रहा है या नहीं हो रहा है। सभी को अपने दैनिक व्यवहार में बदलाव करना होगा।
पर्यावरण मंत्री श्री गोपाल राय ने कहा कि इन एजेंसियों के अलावा दिल्ली में बहुत सी निजी निर्माण एजेंसियां भी हैं, जो निर्माण कार्य करती हैं। पिछले साल जब मैं एंटी डस्ट कैंपेन के दौरान दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में गया, तो मैंने पाया कि दिल्ली के अंदर बहुत सारी निजी एजेंसियां हैं, जो निर्माण का कार्य करा रही हैं। दिल्ली के अंदर निर्माण कार्य करने वाली या ठेका लेने वाली 50 से अधिक प्रमुख प्राइवेट एजेंसियों के साथ आज हमने बैठे की। इस बैठक में मुख्य रूप से एल एंड टी, जीएमआर ग्रुप, सपोरजी, डीजे इंफ्रास्ट्रक्चर, परिनिका कमर्शियल स्टेट प्राइवेट लिमिटेड, रहेजा डेवलपर, बीजी शिरके और एनबीसीसी जैसी तमाम एजेंसी ने हिस्सा लिया। हमने पिछले साल जो भी कमियां पाई थीं, उस संबंध में इन निर्माण एजेंसियों के साथ बातचीत की। साथ ही, सभी प्राइवेट निर्माण एजेंसियों को 15 दिन का समय दिया गया है। सभी को दिल्ली सरकार की तरफ से एक गाइड लाइन दी गई है कि इनको क्या क्या करना आवश्यक है। सभी को इन 15 दिनों के अंदर उन कमियां को पूरा कर करना होगा। सभी निर्माण एजेंसियों को दिए गए 14 सूत्रीय दिशा निर्देश का शत प्रतिशत अनुपालन करना आवश्यक होगा।
1- निर्माण स्थल के चारों तरफ उचित ऊंचाई पर टीन की दिवार खड़ा करना होगा। निर्माण स्थल चारों तरफ से ढका होना चाहिए।
2- 20 हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में निर्माण या ध्वस्तीकरण का कार्य हो रहा हो, वहां पर एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य होगा।
3- निर्माण क्षेत्र में जो भी घ्वस्तीकरण या निर्माण का कार्य हो रहा हो, उसे तिरपाल या ग्रीन नेट से ढंकना अनिवार्य होगा।
4- निर्माण स्थल तक निर्माण सामग्री को लाने-ले जाने वाले वाहनों की सफाई करना अनिवार्य होगा।
5- निर्माण सामग्री ले जा रहे वाहनों को पूरी तरह से ढंकना होगा और इस बात का ध्यान रखना होगा कि रास्ते में वह न गिरे।
6- निर्माण सामग्री और घ्वस्तीकरण के अवशिष्ट को केवल चिंहित या आवंटित क्षेत्र के अंदर ही संग्रहित करना होगा और निर्माण सामग्री या वशिष्ठ का सड़क के किनारे भंडारण पर प्रतिबंध रहेगा।
7- किसी भी प्रकार के अपशिष्ट, मिट्टी या बालू को बिना ढंके नहीं रखा जाएगा। कई जगह निर्माण साइट पर बालू या मिट्टी को खुला छोड़ दिया जाता है।
8- निर्माण कार्य में जो पत्थरों की कटिंग या ग्राइडिंग की जाती है, वह खुले में नहीं होना चाहिए।
9- निर्माण स्थल पर धूल से बचाव के लिए लगातार पानी का छिड़काव करना होगा।
10- 20 हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में निर्माण और ध्वस्तीकरण स्थल पर जाने के लिए सड़क पक्की हो या ब्लैकडाक्स की बनाई जाए, जिससे कि वहां पर सड़कों से उड़ने वाली धूल को रोका जा सके।
11- निर्माण या ध्वस्तीकरण से उत्पन्न अपशिष्ट को प्रसंस्करण साइट या चिन्हित साइट पर ही निस्तारण किया जाए और रिकार्ड भी रखा जाए। ताकि यह रिकार्ड में रहे कि निर्माण साइट से कूड़ा निकला है, तो वह कहा गया।
12-निर्माण स्थल पर लोडिंग अनलोडिंग में जितने कर्मचारी काम करते हैं, निर्माण कंपनी को उन्हें डस्ट मास्क देना अनिवार्य है।
13-निर्माण स्थल पर श्रमिकों की चिकित्सा की उचित व्यवस्था की जाए।
14- निर्माण स्थल पर सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का एक सार्वजनिक बोर्ड लगाना होगा, जिससे कि वहां लोग यह न कह सकें कि उन्हें पता ही नहीं है।