Editorial : पश्चिमी एशिया के पूरे क्षेत्र में अशांति
Editorial: Unrest in the entire region of West Asia

Editorial : इजरायल ने ईरान के खिलाफ अपनी कार्रवाई को ऑपरेशन राइजिंग लायन नाम दिया है, जो बताता है कि यह अपने आप में महज एक कार्रवाई नहीं बल्कि नया सिलसिला हो सकता है। ईरान जवाबी कार्रवाई करते हुए इजरायल को करारा जवाब दे रहा है। जहां इस्राइल इन हमलों को अपने अस्तित्व को बचाने की कार्रवाई बता रहा है, वहीं ईरान जवाबी कार्रवाई कर शीघ्र बदला लेने की बात कर रहा है।
दुनिया के शैयर बाजार धराशायी हो गये हैं। इसमें दो राय नहीं कि इजरायल लंबे समय से कहता रहा है कि ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से हर हाल में रोका जाए और जरूरी हो तो उसके लिए बल प्रयोग से भी हिचका न जाए। उसका कहना है कि ईरान इस स्थिति में आ गया था कि कुछ दिनों के अंदर 15 परमाणु बम बना सकता था। दुनिया में पहले से ही काफी उथल पुथल मची हुई है। अरब देश संघर्ष लंबा खिंचने पर क्या रूख अख्तियार करते हैं।
मुस्लिम देशों की जनता में यह सोच पहले से है कि यहूदी सरकार मुस्लिमों पर अत्याचार कर रही है। ऐसे में उनके लिए भी अपनी जनता की भावनाओं को नियंत्रित करना आसान नहीं होगा। इन विनाशकारी स्थितियों में मानवीय सहृदयता, सहिष्णुता और सह-अस्तित्व की भावना को कैसे अक्षुण्ण रखा जा सकता है?
अभय का वातावरण, शुभ की कामना और मंगल का फैलाव कर तीसरी दुनिया को विकास के समुचित अवसर और साधन देने की संभावनाएं कैसे बलशाली बन सकती है? मनुष्य के भयभीत मन को युद्ध की विभीषिका से मुक्ति देना वर्तमान की बड़ी जरूरत है। ईरान का परमाणु शक्ति बनना एक बड़ा खतरा है, इस बड़े खतरे को समाप्त करना ही ऑपरेशन राइजिंग लायन का लक्ष्य है।
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इसी समय अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आना भी इजरायल के बेहतर मौका लेकर आया और यहां अमेरिका का समर्थन अहम हो गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया हैंडल के जरिये कहा है कि ईरान ने परमाणु कार्यक्रम पर समझौते के लिये अंतर्राष्ट्रीय प्रस्ताव को बार-बार खारिज किया है।