Editorial : बड़बोले नेता
Editorial : Bigmouthed leaders

Editorial : ऑपरेशन सिंदूर के शुरू होने के बाद से कुरैशी ने विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ मीडिया को कई बार जानकारी दी थी। वही राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी कर्नल सोफिया कुरैशी के प्रति अपमान जनक टिप्पणियों की कड़ी निंदा की है तथा समाज से सशस्त्र बलों में सेवारत महिलाओं के प्रति सम्मान दिखाने का आह्वान किया है।
विगत दिनों पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत पाक युद्ध से जो स्थिति उत्पन्न हुई थी। जिसमें हमारी पराक्रमी सेनाओं नें आतंकी के आकाओं पाकिस्तान के सरजर्मी में घुस कर उनके ठिकानों जमींदोष कर दिया है। तभी मध्य प्रदेश के एक बड़ बोले भाजपा के कैबनेट मंत्री नें एक जन सभा में गैर जिम्मेदार ब्यान बाजी का बेसुरा राग अलाप दिया। यह मामला मध्य प्रदेश के उच्च न्यायलय में पहुँच गया।
आप को बता दे कि उच्च न्यायालय के आदेश पर मंत्री पर एफ आई आर दर्ज होने के बाद उन्होंने सर्वोच्च न्यायलय का दरवाजा खटखटाया। जहाँ विजय शाह के द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए गए विवादित बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है। इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के द्वारा दिए गए एफआईआर के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ जिम्मेदार व्यक्तियों द्वारा ऐसे बयान दिए जा रहे हैं जो महिलाओं के प्रति अपमानजनक और अस्वीकार्य हैं। इससे न केवल हमारे समाज में महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचती है, बल्कि देश की उन बेटियों का भी अपमान होता है जो देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभा रही हैं।
Editorial : सुलगता हुआ सवाल?
इस पूरे मामले पर विवाद गहराने के बाद विजय शाह ने आजतक से बातचीत के दौरान माफी मांगते हुए कहा था कि मैं सपने में भी कर्नल सोफिया बहन के बारे में गलत नहीं सोच सकता। न ही मैं सेना के अपमान की बातें सपने में सोच नही सकता हुँ। सोफिया बहन ने जाति और धर्म से ऊपर उठकर देश की। इसी बीच एक और विवाद खड़ा हुआ जब मध्य प्रदेश केउपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने एक सभा में अपने बड़ बोलेपन कह दिया कि पूरा देश और सेना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चरणों में नतमस्तक है।