Editorial : भगवान गणेश ने बिना रुके दस दिनों तक महाभारत लिखी

Editorial: Lord Ganesha wrote Mahabharata for ten days without stopping

Open Search Editorial 7 September 2024
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Editorial: हिंदू धर्म में किसी भी नए काम को प्रारंभ करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। माना जाता है कि भगवान गणेश की पूजा करने के बाद प्रारंभ होने वाला कार्य हर हाल में पूरा होगा। भगवान गणेश को बुद्धि का देवता माना जाता है। भगवान शिव व माता पार्वती के पुत्र गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है।

कई प्रमुख जगहों पर भगवान गणेश की बड़ी-बड़ी प्रतिमायें स्थापित की जाती है। इन प्रतिमाओं का नो दिन तक पूजन किया जाता है। बड़ी संख्या में लोग गणेश प्रतिमाओं का दर्शन करने पहुंचते है। नौ दिन बाद गणेश प्रतिमाओं को समुद्र, नदी, तालाब में विसर्जित किया जाता है। शिवपुराण में रुद्रसंहिता के चतुर्थ खण्ड में वर्णन है कि माता पार्वती ने स्नान करने से पूर्व अपने मैल से एक बालक को उत्पन्न करके उसे अपना द्वारपाल बना दिया था।

भगवान शिव ने जब भवन में प्रवेश करना चाहा तब बालक ने उन्हें रोक दिया। इस पर भगवान शंकर ने क्रोधित होकर अपने त्रिशूल से उस बालक का सिर काट दिया। इससे पार्वती नाराज हो उठीं। भयभीत देवताओं ने देवर्षि नारद की सलाह पर जगदम्बा की स्तुति करके उन्हें शांत किया।

1904 में लोकमान्य तिलक ने लोगो से कहा कि गणपति उत्सव का मुख्य उद्देश्य स्वराज्य हासिल करना है। आजादी हासिल करना है और अंग्रेजो को भारत से भगाना है। आजादी के बिना गणेश उत्सव का कोई महत्व नहीं रहेगा। तब पहली बार लोगो ने लोकमान्य तिलक के इस उद्देश्य को बहुत गंभीरता से समझा।

भगवान गणेश ने बिना रुके दस दिनों तक महाभारत लिखी। इस दौरान एक ही स्थान पर लगातार लेखन करने के कारण गणेश जी के शरीर पर धूल और मिट्टी जम गई थी। दसवें दिन गणेश जी ने सरस्वती नदी में स्नान करके शरीर पर जमी धूल और मिट्टी को साफ किया। तभी से गणेश उत्सव के दसवें दिन गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है।

Editorial : शिक्षकों का दायित्व

मान्यता है कि भगवान गणेश विघ्नो के नाश करने और मंगलमय वातावरण बनाने वाले हैं। गणेश चतुर्थी का त्योहार महाराष्ट्र, गोवा, तेलंगाना, केरल और तमिलनाडु सहित पूरे भारत में काफी जोश के साथ मनाया जाता है। किन्तु महाराष्ट्र में विशेष रूप से गणेशोत्सव को 10 दिनों तक बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है।

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