लैंक्सेस इंडिया को ग्लोबल एनवायरनमेंट और एनर्जी फाउंडेशन ग्लोबल अवार्ड्स
• प्लैटिनम कैटेगरी में ग्लोबल सेफ्टी अवार्ड प्राप्त किया, • सस्टेनेबल वाटर मैनेजमेंट कैटेगरी में ग्लोबल वाटरटेक अवार्ड जीता
नई दिल्ली, 21 अगस्त, 2024- लैंक्सेस इंडिया ने ग्लोबल एनवायरनमेंट एण्ड एनर्जी फाउंडेशन (जीईईएफ) के दो ग्लोबल अवार्ड्स प्राप्त किये हैं। साल 2024 के लिये कंपनी को प्लैटिनम कैटेगरी में सेफ्टी अवार्ड और सस्टेनेबल वाटर मैनेजमेंट कैटेगरी में वाटरटेक अवार्ड प्रदान किये गये हैं। यह पुरस्कार सुरक्षा के मानकों में उत्कृष्टता और जल प्रबंधन के तरीकों में संवहनीयता के लिये हमारी प्रतिबद्धता का सबूत हैं। जीईईएफ ग्लोबल सेफ्टी अवार्ड्स केमिकल उद्योग में सुरक्षा के उच्चतम मानक बनाये रखने में लैंक्सेस इंडिया की उत्कृष्ट उपलब्धियों की सराहना करते हैं।
नई दिल्ली में 26 जुलाई, 2024 को हुए एक भव्य समारोह में लैंक्सेस इंडिया की ओर से पीटीएसई के पूर्णकालिक निदेशक एवं प्रमुख बलराम खोट और पीटीएसई- ऑक्युपेशन सेफ्टी, एक्ज़ैक्ट, रिस्पॉन्सिबल केयर एण्ड ट्रेड कॉम्प्लायंस के सीनियर मैनेजर भरत मीसाला ने यह पुरस्कार प्राप्त किये।
इस जीत पर अपनी बात रखते हुए, लैंक्सेस इंडिया के वाइस चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर नमितेश रॉय चौधरी ने कहा, ‘‘जीईईएफ ग्लोबल अवार्ड्स पाकर हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं। हम उन संवहनीय पद्धतियों को उन्नत बनाने के लिये प्रतिबद्ध हैं, जिनसे हमारी कंपनी और हमसे सेवा प्राप्त करने वाले समुदायों को फायदा होता है। बड़े पैमाने पर इसका फायदा पर्यावरण को भी मिलता है। ऐसे सम्मान हमें लगातार सीमाओं को चुनौती देने और उद्योग में मिसाल कायम करने की प्रेरणा देते हैं।’’
प्लैटिनम कैटेगरी में जीत अपने सभी कर्मचारियों एवं साझीदारों के लिये काम का सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिये कंपनी का समर्पण दिखाती है। स्वास्थ्य की सुरक्षा, व्यावसायिक एवं प्रक्रिया की सुरक्षा पर लैंक्सेस के सामूहिक निर्देश कठोर हैं। यह निर्देश मुख्य रूप से जोखिमों की पहले से पहचान करने और दुर्घटनाओं को रोकने तथा उनका तेजी से पता लगाकर प्रतिक्रिया देने के उपायों पर कार्यान्वयन के लिये हैं।
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सुरक्षा प्रणालियों की मुख्य विशेषताओं में परिचालन विधियों के निर्माण में कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी, कार्य के समय सुरक्षा का विश्लेषण, व्यवहार पर आधारित सुरक्षा कार्यक्रमों पर अधिक ध्यान देना, काम की अनुमति के लिये कठोर प्रणालियाँ, ठेकेदार प्रबंधन प्रणालियाँ, कर्मचारी का स्वास्थ्य सुधारने के कार्यक्रम, तकनीकी नियंत्रण के मजबूत उपायों पर क्रियान्वयन, असुरक्षित स्थितियों और असुरक्षित कार्यों की सूचना पर अधिक ध्यान देना, दुर्घटना प्रबंधन प्रणाली, प्रशिक्षण एवं प्रभाव की जाँच शामिल हैं।