Mahashivratri 2024 : 300 साल बाद बन रहे कई दुर्लभ योग, जानें क्या
Mahashivratri 2024: Many rare combinations are being formed after 300 years
Mahashivratri 2024 : महाशिवरात्रि इस साल 2024 में फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 8 मार्च को रात 9:58 बजे शुरू होगी और 9 मार्च को शाम 6:18 बजे समाप्त होगी। महाशिवरात्रि के लिए निशिता काल पूजा का शुभ समय चतुर्दशी तिथि पर होना चाहिए, इसलिए महाशिवरात्रि 8 मार्च को मनाई जाएगी। रात्रि के आठवें पहर को निशिता काल कहा जाता है।
इस बार की महा शिवरात्रि बेहद खास होगी। पंचांग के अनुसार, महा शिवरात्रि पर इस प्रकार का योग और ग्रह स्थिति 300 वर्षों में एक या दो बार ही बनती है। इस बार महा शिवरात्रि 08 मार्च को मनाई जाएगी। शिवयोग के सर्वार्थ सिद्धि योग के शुभ संयोग और शिवरात्रि का महापर्व मनाया जाता है। भगवान शिव की पूजा में यह दुर्लभ योग शीघ्र फल देने वाला बताया गया है।
शुभ मुहूर्त (Mahashivratri 2024)
प्रथम प्रहर का समय 8 मार्च को शाम 06:25 बजे से रात 9:28 बजे तक रहेगा।
दूसरा प्रहर रात 9 बजकर 28 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक रहेगा।
तीसरा प्रहर रात 12:31 बजे से 3 बजे तक और आखिरी प्रहर 3:34 बजे से सुबह 6 बजे तक रहेगा।
सर्वार्थ सिद्धि बन रहा है योग (Mahashivratri 2024)
इसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र, शिवयोग, गुरु करण और मकर/कुंभ राशि में चंद्रमा रहेगा। कुंभ राशि में सूर्य, शनि और बुध की युति होगी। इस प्रकार का योग तीन शताब्दियों में एक या दो बार बनता है, जब नक्षत्र, योग और राशि की स्थिति त्रिकोण केंद्र के साथ संबंध में आती है। महाशिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग में शिव की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। सर्वार्थ सिद्धि योग आर्थिक लाभ और कार्य सिद्धि के लिए विशेष शुभ माना जाता है। इस शुभ योग में कोई भी नया कार्य, व्यवसाय या नौकरी शुरू करना शुभ फल देने वाला माना जाता है।
महाशिवरात्रि का पौराणिक इतिहास (Mahashivratri 2024)
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन सृष्टि का प्रारंभ शुरू हुआ था। माना जाता है इस दिन माता पार्वती और शिव जी का विवाह हुआ था। इसलिए हर वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व बड़े धूमधाम से फाल्गुन महीने में मनाया जाता है। इस दिन चार प्रहर में मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा आराधना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इससे सभी कष्ट दूर होते हैं और घर में सुख समृद्धि और खुशहाली आती है। इस दिन भोले की बारात निकाली जाती है तथा जगह-जगह भंडारे किए जाते हैं और लोगों को प्रसाद बांटा जाता है।
महाशिवरात्रि का महत्व (Mahashivratri 2024)
मान्यता है की माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तब किए थे और महाशिवरात्रि के दिन उनकी तपस्या सफल हुई थी और उनका विवाह भगवान शिव के साथ हुआ। तो इस दिन महिलाएं अपने अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए भी व्रत रखती हैं और अन्य लोग अपने भविष्य में सफलता के लिए व्रत रखते हैं। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव से कुछ भी मांगने पर उनकी इच्छा पूर्ण होती है।
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