वेब3 और मेटावर्स भारत के लिए हो सकते हैं 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अवसर

Web3 and the Metaverse Could be a USD 200 Billion Opportunity for India

• मेटावर्स 2030 तक विश्व स्तर पर 13 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का अवसर बनने हेतु तत्पर है
• भारत का वेब 3 और मेटावर्स बाजार वर्ष 2035 तक 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा
• भारत में वेब3 और मेटावर्स को अपनाने हेतु खुदरा (37%) और वित्तीय सेवा क्षेत्र (15%) बढ़ावा देंगे

नई दिल्ली, 1 जून 2023:आर्थर डी. लिटिल, जो कि एक प्रसिद्ध रणनीति तथा प्रबंधन परामर्श संगठन है, ने आज अपनी नवीनतम उद्योग रिपोर्ट, “वेब3 एंड मेटावर्स- द राइज़ ऑफ़ द न्यू इंटरनेट एंड द इंडिया ऑपर्च्युनिटी” जारी की। यह रिपोर्ट प्रासंगिक उपयोग मामलों के साथ भारत के लिए वेब3 और मेटावर्स की संभावनाओं के गहन विश्लेषण पर आधारित है और विकास क्षेत्रों में संभावित प्रभाव की पड़ताल करती है। रिपोर्ट में इंटरनेट के अगले संस्करण के निर्माण तथा भारतीय उद्योगों के लिए डिजिटल का चुनाव करने की अगली लहर की सीमाओं का नेतृत्व करने में वेब3 और मेटावर्स की भूमिका की रूपरेखा प्रस्तुत की गई है । रिपोर्ट दर्शाती है कि भारत में वेब3 और मेटावर्स बाजार के अवसर लगभग 40% की वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ने की उम्मीद है और इसमें वर्ष 2035 तक 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर का उद्योग बनने की संभावना है।

रिपोर्ट पर आर्थर डी. लिटिल इंडिया के भारत तथा दक्षिण एशिया के मैनेजिंग पार्टनर बार्निक चित्रन मैत्रा ने टिप्पणी करते हुए कहा, “भारतीय वेब3 और मेटावर्स क्षेत्र के लिए दृष्टिकोण मजबूत है, इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश किए गए हैं। कांटेंट निर्माता और गेमिंग स्टार्टअप ऐप्स बिचौलियों के बैगर ही सीधे उपयोगकर्ताओं का मुद्रीकरण करने के लिए वेब3 का लाभ उठा रहे हैं। कॉर्पोरेट्स अपने कर्मचारियों और ग्राहकों के साथ अधिक सार्थक रूप से जुड़ने के लिए मेटावर्स का निर्माण कर रहे हैं। भारत के लिए 2035 तक 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर के वेब3 और मेटावर्स उद्योग की क्षमता की उपलब्धि हेतु स्टार्टअप्स, निवेशकों, कॉरपोरेट्स और सरकार द्वारा ठोस कार्रवाई की आवश्यकता होगी।“

रिपोर्ट मेटावर्स को इंटरनेट के भावी संस्करण के रूप में परिभाषित करती है, जो इमर्सिव स्पेस, सामाजिक और सहयोगी अनुभवों और निर्माणकर्ता अर्थव्यवस्था के अभिसरण पर वास्तविकता और आभासीता के बीच की सीमाओं को जोड़ती है। इसके 2030 तक वैश्विक स्तर पर 13 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर अवसर बनने का अनुमान है। अनुमान है कि 2030 तक 160 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर वैश्विक कुल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 8% हिस्सा वेब 3 और मेटावर्स से आएगा।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कैसे भारत की ई-कॉमर्स अपनी पैठ बढाने के लिए तैयार है, जो की खुदरा और वित्त क्षेत्रों में बढ़ोतरी हेतु वेब3 और मेटावर्स प्रौद्योगिकियों के लिए एक अवसर पेश करता है। इसके अलावा, डिजिटल भुगतान अपनाने में भारत का नेतृत्व वेब3 पारितंत्र में फिनटेक समाधानों के एकीकरण का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।

वेब3 और मेटावर्स में 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर की क्षमता हासिल करने में भारत की मदद करने के लिए निवेशकों, कॉरपोरेट्स, स्टार्ट-अप्स और सरकार को मिलकर काम करने की जरूरत है। यह रिपोर्ट वेब 3 और मेटावर्स अवसरों का लाभ उठाने  के लिए सभी प्रासंगिक हितधारकों के लिए अनिवार्यताओं पर प्रकाश डालती है। विशेष रूप से, निवेशक वेब3 और मेटावर्स में समर्पित टीमें तथा त्वरक कार्यक्रम बना सकते हैं।

इसी तरह, कॉरपोरेट्स वेब3 और मेटावर्स सैंडबॉक्स लॉन्च कर सकते हैं और स्टार्ट-अप्स के साथ साझेदारी भी कर सकते हैं। स्टार्टअप उपयोग के मामलों का प्रचार, स्थानीय ई-कॉमर्स और वैश्विक ग्राहकों के लिए सक्षम उत्पादों के निर्माण पर ध्यान संकेन्द्रण और कॉर्पोरेट्स के साथ उनके मेटावर्स और वेब3 कार्यक्रमों पर काम कर सकते हैं। अंत में, नियामक सक्रिय सहायक नीतियों को लागू कर सकते हैं, बुनियादी ढांचे के निवेश को प्रोत्साहित और एआर/वीआर उपकरणों के लिए हार्डवेयर सब्सिडी पर विचार कर सकते हैं।

भारत के डिजिटल परिदृश्य में वेब3 और मेटावर्स तकनीकों की क्षमता को समझने में रुचि रखने वाले निवेशक, कॉरपोरेट्स और स्टार्ट-अप्स आर्थर डी. लिटिल की रिपोर्ट को अवश्य पढ़ें।

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