बृजभूषण के खिलाफ कई धाराओं में दर्ज है FIR, दिल्ली पुलिस ने पहलवानों को मुहैया कराई सुरक्षा

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नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वाली किशोरी समेत सात महिला पहलवानों को शनिवार को पुलिस सुरक्षा मुहैया करा दी गई है। उनकी सुरक्षा में नई दिल्ली जिले से एक-एक सिपाही को तैनात किया गया है। इनकी ड्यूटी 12-12 घंटे की होगी। समीक्षा के बाद सुरक्षा यूनिट के कर्मियों की तैनाती की जाएगी।

पहलवानों को सुरक्षा देने का निर्णय

नई दिल्ली रेंज के आला अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए शनिवार को पहलवानों को सुरक्षा देने का निर्णय लिया। मुख्यालय सूत्रों के मुताबिक, सांसद के खिलाफ नाबालिग पहलवान की शिकायत पर पॉक्सो व छेड़खानी की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। इन धाराओं में न्यूनतम पांच साल व अधिकतम सात साल सजा का प्रविधान है।

गिरफ्तारी पर क्या है प्राविधान

दूसरी एफआईआर छह महिला पहलवानों की शिकायत पर छेड़खानी की तीन विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज हुई। इन धाराओं के तहत तीन से सात साल सजा का प्रविधान है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है कि पुलिस विवेक का पालन करते हुए सात साल तक सजा वाले मुकदमे में आरोपित को गिरफ्तार न करना चाहे, तो नहीं कर सकती है। चूंकि आरोपित सांसद हैं, उनके कहीं भाग जाने का खतरा नहीं हो सकता है, इसलिए सांसद की गिरफ्तारी नहीं भी की जा सकती है। वैसे भी, पुलिस अगर गिरफ्तार करती भी है, तब इन्हें जल्द जमानत देने का प्रविधान है। पुलिस उन्हें जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेज सकती है या उनके घर या कार्यालय में ही जाकर बयान दर्ज कर सकती है।

कोर्ट में दर्ज होंगे पहलवानों के बयान

पुलिस का कहना है कि पहले सभी सात पहलवानों के कोर्ट में बयान दर्ज कराए जाएंगे। इसके बाद उन्हें सुबूत उपलब्ध कराने को कहा जाएगा। डीएसपी के नेतृत्व में जल्द बनेगी कमेटीपुलिस का कहना है कि खिलाडि़यों के धरने से उसका कोई लेना-देना नहीं है। जांच के लिए डीसीपी के नेतृत्व में जल्द एक कमेटी गठित होगी। सभी कानूनी पहलुओं का पालन करते हुए चरणबद्ध तरीके से सुबूत जुटाने का प्रयास होगा। पहलवानों से कोर्ट में बयान दर्ज करने के लिए उपस्थित होने के लिए कहा गया है।

2012 से 2022 तक अलग-अलग जगहों पर छेड़खानी करने का आरोप

पहलवानों ने सांसद पर 2012 से 2022 तक अलग-अलग जगहों पर छेड़खानी करने का आरोप लगाया है। सभी महिला पहलवान हरियाणा की रहने वाली हैं। उन्होंने सांसद पर देश ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय इवेंट के दौरान विदेश में भी यौन शोषण का आरोप लगाया है। सूत्रों के मुताबिक, खेल मंत्रालय की जांच कमेटी की रिपोर्ट में प्रशासनिक सुधार की बात कही गई है।

कमेटी ने महासंघ को कहा है कि चयन प्रक्रिया में सुधार की जरूरत है। विशाखा कमेटी की गाइडलाइन को सख्ती से लागू किया जाए, ताकि कोई भी पहलवान शारीरिक या यौन शौषण की शिकायत करे, तो उसकी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई हो सके।

 

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