कोयले की कमी से आधे भारत में बिजली गुल होने की स्थिति

नई दिल्ली। राजधानी सहित आधे भारत को त्योहारों के सीजन में हो सकता है कि दिये या मोमबत्ती के भरोसे ही रात निकालनी पड़े। दरअसल दुनिया भर में कोयला संकट गहराता जा रहा है और इसका असर अब भारत में दिखने की आशंका बन गय़ी। स्थिति ये है कि बिजली सप्लाई करने वाले कई बिजली संयंत्रों में नियमों के मुताबिक कम से कम 20-20 दिन के कोयला स्टॉक की जगह सिर्फ एक से दो दिन का स्टॉक ही बचा है।

हालांकि केन्द्र सरकार से लेकर कोयला उत्पादक कंपनियों के मैनेजमेंट ने उम्मीद जताई है कि कोयला सप्लाई बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं और इस हफ्ते से स्थिति सुधर सकती है। खास बात ये है कि इस साल देश में रिकॉर्ड कोयला उत्पादन हुआ है, लेकिन वापसी के मामले में लेट लतीफ मानसून ने बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ने के सरकार के सपने पर कम से कम इस साल पानी फेर दिया है।

दिल्ली सरकार ने केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर बढ़ते बिजली संकट से निपटने के लिये कदम उठाने को कहा है। दिल्ली सरकार के मुताबिक बिजली उत्पादन संयंत्रों में एक से दो दिन के लिये ही कोयला स्टॉक बचा है, इसके बाद दिल्ली में बिजली संकट पैदा हो सकता है। पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड ने जानकारी दी है कि उसके बिजली संयंत्र क्षमता से कम पर काम कर रहे हैं।

शनिवार को दी गयी जानकारी के मुताबिक राज्य में बिजली संयंत्रों के पास अब पांच दिन तक का ही कोयला भंडार बचा है। प्रदेश में कई जगहों पर बिजली कटौती की भी खबरें हैं। इसके साथ ही बीते एक दिन में राजस्थान में 3.7 करोड़ यूनिट, उत्तर प्रदेश में 2.2 करोड़ यूनिट, बिहार में 1.2 करोड़ यूनिट, हरियाणा में 92 लाख यूनिट और पंजाब में 88 लाख यूनिट बिजली की कमी दर्ज की जा चुकी है।

उत्तर प्रदेश में शनिवार तक मिली जानकारी के मुताबिक कोयले की कमी से 8 प्रोडक्शन यूनिट बंद हो चुकी हैं। मध्य प्रदेश में उत्पादन मांग के मुकाबले आधे से नीचे आ चुका है। वहीं राजस्थान में जरूरत के मुकाबले 70 प्रतिशत से कम ही कोयला उपलब्ध हो रहा है, जिससे 7 यूनिट में उत्पादन नहीं हो रहा है।

पूरे भारत पर नजर डालें तो गुजरात, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और तमिलनाडु समेत कई राज्यों में बिजली उत्पादन पर गहरा असर पड़ा है। वहीं पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, झारखंड, बिहार और आंध्रप्रदेश में भी बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है। साथ ही बिजली उत्पादक और वितरक कोयले के सीमित भंडार की वजह से बिजली कटौती की चेतावनी पहले ही दे चुके हैं।

Source : indiatv.in

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