गलतफहमियां पैदा कर अंग्रेजों ने हिन्दू-मुसलमान को लड़ाया: मोहन भागवत

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि हिन्दुओं और अग्रेजों के बीच झगड़ा पैदा करने में सबसे अहम रोल अंग्रेजों का रहा है।अंग्रेंजों ने झूठीं बातों का सहारा लेकर भारत में हिन्दू-मुसलमान को लड़ाने का काम किया। सोमवार को मुंबई में एक कार्यक्रम में ‘राष्ट्र प्रथम-राष्ट्र सर्वोपारी’ विषय पर आयोजित एक संगोष्ठी में बोलते हुए उन्होंने ये कहा।

मोहन भागवत ने कहा, अंग्रेजों ने मुसलमानों से कहा कि अगर उन्होंने हिंदुओं के साथ रहने का फैसला किया तो उन्हें कुछ नहीं मिलेगा, हिन्दु ज्यादा हैं तो केवल हिंदुओं ही चुनाव जीतेंगे और हर चीज पर उनका कब्जा होगा, ऐसे में आप एक अलग राष्ट्र की मांग करिए। अंग्रेजों ने कहा कि भारत से इस्लाम मिट जाएगा लेकिन ये नहीं हुआ, मुसलमान आज आराम से देश में रह भी रहा है और कोई भी पद हासिल कर सकता है। वहीं अंग्रेजों ने हिन्दुओं के बीच ये बात फैलाई कि मुसलमान चरमपंथी हैं। इस तरहसे उन्होंने दोनों समुदायों को लड़ा दिया। उस लड़ाई और विश्वास की कमी के परिणामस्वरूप, दोनों एक दूसरे से दूरी बनाए रखने की बात करते रहे हैं। हमें अपनी दृष्टि बदलने की जरूरत है।

आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि हिंदुओं और मुसलमानों के पुरखे एक ही थे और हर भारतीय हिंदू है। ऐसे में समझदार मुस्लिम नेताओं को कट्टरपंथियों के विरुद्ध दृढ़ता से खड़ा हो जाना चाहिए। समझदार मुस्लिम नेताओं को अनावश्यक मुद्दों का विरोध करना चाहिए और कट्टरपंथियों एवं चरमपंथियों के विरुद्ध दृढ़ता से खड़ा रहना चाहिए। जितना यथाशीघ्र हम यह करेंगे, उससे समाज को उतना ही कम नुकसान होगा हिंदू शब्द मातृभूमि, पूर्वज और भारतीय संस्कृति के बराबर है। यह अन्य विचारों का असम्मान नहीं है। हमें मुस्लिम वर्चस्व के बारे में नहीं, बल्कि भारतीय वर्चस्व के बारे में सोचना है।

News Source : oneindia.com

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