Editorial : जोड़-तोड़ करने में जुटे राजनीतिक दल
Editorial: Political parties engaged in manipulation
पांच फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा मतदान में सबसे बड़ी भूमिका इन फ्लोटिंग वोटरों की होगी। इनका झुकाव जिस तरफ होगा उसी पार्टी को जीत मिलेगी। चुनाव में बहुत कम समय बचा है। ऐसे में सभी पार्टियों के दिग्गज नेता चुनावी मैदान में उतरकर अपनी पार्टी के प्रत्याशियों को जीत दिलाने के लिए जुटे हुए हैं। चुनाव जीतने के लिए सभी राजनीतिक दल जोड़-तोड़ करने में जुट गए हैं। चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा, ‘आपÓ व कांग्रेस पार्टी के बीच होना तय माना जा रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने लगातार तीसरी बार सभी सातों सीटों को जीतकर 54.35 प्रतिशत यानी 48 लाख 44 हजार 180 वोट प्राप्त किए थे। वहीं 52 विधानसभा सीटों पर आगे रही थी। आप को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी। पार्टी को 24.17 प्रतिशत यानी 21 लाख 54 हजार एक वोट मिला था। पिछले लोकसभा चुनाव में जहां कांग्रेस पार्टी ने आम आदमी पार्टी से गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। वहीं विधानसभा चुनाव कांग्रेस अकेले ही लड़ेगी। कांग्रेस के अकेले चुनाव लड़ने व पिछले लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के कारण दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुकाबला त्रिकोणात्मक होने की संभावना बनने लगी है। दिल्ली में तीन बार सरकार बनाकर आप ने मजबूत पकड़ बनायी हैं। वहीं लोकसभा चुनाव में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद भाजपा आप के सामने टिक नहीं पा रही है। उस वक्त कांग्रेस ने भाजपा को सत्ता से दूर रखने के चक्कर में आप को समर्थन देकर अरविंद केजरीवाल को पहली बार मुख्यमंत्री बनवाया था। कांग्रेस की यही भूल अब तक कांग्रेस को लगातार जीरो पर आउट कर रही है। उस वक्त यदि कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को समर्थन नहीं दिया होता तो आगे विधानसभा चुनाव के नतीजे अलग हो सकते थे। मगर अपनी भूल का कांग्रेस आज तक खामियाजा उठा रही है।