Editorial : वायरस से एक बार फिर दुनिया घबराई

Editorial: The world is once again scared of the virus

Editorial: चीन से आने वाले एक नए वयरस ‘एचएम्पिवि’ मतलब ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस से एक बार फिर दुनिया घबराई हुई है। 2019 में विश्व भर में करोड़ों को मौत के घाट उतारने वाली कोरोना से लोग बहुत भयभीत हैं और इसी लिए इस समाचार से भी भयभीत होना सहज है। हिंदी, उर्दू में एक कहावत है, दूध का जला छास भी फूंक कर पीता है। यह लेख लिखते समय भारत में तीन ऐसे मरीज पाए गए हैं। दो बेंगलुरु में और एक अहमदाबाद में। कई डॉक्टरों का मानना है कि यह कोई नई बीमारी नहीं है। हर वर्ष शर्दी के दिनों में फ्लू, न्युमोनिआ जैसी बीमारियां आती ही हैं। अक्सर इस प्रकार की बीमारियां नाक, गला और फेफड़ों से सम्बंधित होती हैं। जिन का इलाज बहुत साधारण है। कुछ समय तक रहती हैं और इलाज करने पर रुग्ण ठीक हो जाते हैं। बच्चों, बूढ़ों, अशक्तों, गर्भवती महिलाओं और जिन महिलाओंने अभी, अभी बच्चों को जन्म दिया है उन को इस प्रकार की बीमारियां अधिक और अधिक समय तक परेशान करती हैं।जैसा कोरोना के समय हुआ था इस बार भी हो रहा है। लोग भयभीत हो रह हैं। उस में उन की गलती नहीं है। लोगों ने कोरोना काल में क्या हुआ था वह देखा और अनुभव किया हुआ है। कोरोना के समय सोश्यल मीडिया पर डॉक्टरों की बाढ़ आई थी। हर कोई डॉक्टर बन कर सलाह दे रहा था। इलाज बता रहा था। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है। हम भारतीय शर्दियों में अनेक प्रकार के व्यंजन बना कर उन का सेवन करते हैं जो हमारी शारीरिक क्षमता बढ़ाते हैं। विदेशों में, और खास कर पश्चिम के देशों में ऐसा नहीं होता। वहां के लोग हर बात के लिए डॉक्टरों पर अवलम्बित होते हैं। एक बात और है। विदेशी लोगों के मुकाबले हमारी इम्यून सिस्टम अधिक पावरफुल होती है। उस का कारण है कि भारतमे हम लोग कई नकली खान पान को हजम कर जाते हैं। गोरे कभी मिटटी या धूल में नहीं जाते हैं। उन्हें गन्दा हो जाने का डर लगता है। जब की भारत में कुश्ती, कबड्डी जैसे खेल ही मिट्टीमे खेले जाते हैं। सोश्यल मीडिया में और अन्य मिडिया में ख़बरें आ रही हैं की चीन सच्चाई को छुपा रहा है जैसे उस ने कोरोना समय में किया था। वहां अस्पतालों में एचएमपिवि के मरीज भरे पड़े हैं। एक चीनी अख़बार ने कहा है कि अस्पतालों में केवल इसी बीमारी के मरीज नहीं हैं। अन्य बिमारियों के मरीज भी है। मेरे एक डॉक्टर मित्र ने बड़ी अच्छी बात बताई। उस ने कहा कि कोरोना के समय जो उपाय हमने किए थे मतलब की दूरी बनाए रखना, सेनिटाइज़र से हाथ धोना, मास्क पहनना इत्यादि को लोग भूला चुके थे। नयी बीमारी हमें वह सब फिर से करने की याद दिला रही है। यह कुदरत की और से अलार्म है। हम स्वच्छता के प्रति उदासीन हो गए थे। अब हमें फिर उन बातों पर लौटना होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button