Editorial : डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर का पसंदीदा विषय अर्थशास्त्र

Editorial: Dr. Bhimrao Ambedkar's favorite subject is Economics.

Editorial: Dr. Bhimrao Ambedkar's favorite subject is Economics.
Editorial: Dr. Bhimrao Ambedkar’s favorite subject is Economics.

Editorial : डॉक्टर बाबा साहेब अम्बेडकर को हम केवल भारत के संविधान निर्माता के रूप में ही जानते हैं। परंतु, उन्होंने अपनी स्नातक एवं पीएचडी की पढ़ाई विश्व के श्रेष्ठतम विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र विषय में ही की थी। अर्थशास्त्र उनका बचपन से ही पसंदीदा विषय रहा है। अर्थशास्त्र के विभिन्न विषयों पर उनके उल्लेखनीय शोध कार्य भी आज भी प्रासंगिक हैं। उक्त कारणों के चलते उनके सामाजिक कार्यों पर भी अर्थशास्त्र की छाप दिखाई देती थी।

डॉक्टर साहेब कृषि क्षेत्र को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानते थे और कृषि क्षेत्र के विकास के हिमायती थे। परंतु साथ ही, आप बड़े आकार के उद्योग के खिलाफ भी नहीं थे। आपका स्पष्ट मत था कि औद्योगिक क्रांति पर जोर देने के साथ साथ कृषि क्षेत्र को नजर अन्दाज नहीं किया जा सकता है। क्योंकि, देश की अधिकतम आबादी ग्रामों में निवास करती है एवं यह अपनी आजीविका के लिए कृषि क्षेत्र पर ही निर्भर है और फिर उद्योग क्षेत्र के लिए कच्चा माल भी तो कृषि क्षेत्र ही प्रदान करता है।

वर्तमान समय में हालांकि कई प्रकार की आर्थिक समस्याओं का हल निकालने में सफलता हासिल हुई है परंतु फिर भी डॉक्टर साहेब द्वारा उस खंडकाल में किए गए शोधकार्यों एवं सुझावों की प्रासंगिकता आज भी बनी हुई है। जैसे, बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, गरीबी, आय की असमानता, भारतीय रुपए का अवमूल्यन आदि के उन्मूलन पर विचार डॉक्टर साहेब द्वारा आर्थिक विषयों पर किए गए शोधों में देखे जा सकते है। डॉक्टर साहेब ने अर्थशास्त्र के सिद्धांतों एवं अपने शोधों को भारतीय समाज के लिए व्यावहारिक स्तर पर लागू करने के सम्बंध में अपने सुझाव रखे थे।

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भारतीय अर्थशास्त्र की परम्परा प्राचीन है। भारत में सदियों पहले ‘अर्थशास्त्र’, ‘शुक्रनीति’ और ‘तिरुक्कुरल’ जैसे ग्रंथ लिखे गए जबकि पश्चिम में अर्थशास्त्र का औपचारिक शिक्षण, 19वीं सदी के मध्य में प्रारम्भ हुआ। यह देश का दुर्भाग्य रहा कि तत्कालीन सरकारों ने डॉक्टर साहब की अर्थ के क्षेत्र में गहन समझ एवं अधय्यन का लाभ नहीं उठाया।

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