Editorial : सदस्यता ग्रहण
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Editorial : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सदस्यता ग्रहण किए जाने के उपरांत देश में 2 सितंबर से संगठन पर्व प्रांरभ हो चुका है। हमारे पूर्वजों ने पार्टी संगठन तथा कार्यकर्ताओं को गढ़ने और तराशने के लिए जो त्याग और परिश्रम किया है, उसी के बल पर वर्तमान में मध्यप्रदेश के पार्टी संगठन को पूरे देश में आदर्श माना जाता है।
संगठन पर्व भाजपा का सदस्यता अभियान इसी लोकतांत्रिक कार्य पद्धति का महत्वपूर्ण अंग है, जिसके माध्यम से नए सदस्य भाजपा परिवार से जुड़ते हैं और विचार को विस्तार देते हैं। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार एवं हमारे पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं देश के वर्तमान गृह मंत्री अमित शाह के कार्यकाल में भाजपा ने श्रद्धेय अटलजी की सरकार तथा तत्कालीन संगठन की नीतियों को दिशा देने के प्रयास के साथ ही अपनी विचारधारा अनुरूप राष्ट्र सर्वोपरि मानकर अनेकानेक ऐतिहासिक निर्णय किये हैं जो हमारी विचारों की स्पष्टता को प्रतिलक्षित करते हैं।
हमारी केंद्र की सरकार ने अंत्योदय के सिद्धांत अनुरूप ही 50 करोड़ से अधिक लोगों के जनधन खाते खुलवाए और आयुष्मान, उज्ज्वला और पीएम आवास जैसी अनुकरणीय योजनाएं संचालित की गईं और देश खुले में शौच से मुक्त हुआ। घर-घर बिजली पहुंचाई गई, 10 करोड़ से अधिक परिवारों को गैस कनेक्शन दिए गए और हर घर शुद्ध पेयजल पहुँचाया।
भाजपा ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा प्रतिपादित ‘एकात्म-मानवदर्शन’ को अपने वैचारिक, दर्शन के रूप में अपनाया है तथा सुशासन, विकास एवं सुरक्षा भाजपा की प्राथमिकताएं हैं। पार्टी ने पांच प्रमुख सिद्धांतों के प्रति भी अपनी निष्ठा व्यक्त की है, जिन्हें ‘पंचनिष्ठा’ कहते हैं। यह पंचनिष्ठाएं राष्ट्रवाद एवं राष्ट्रीय अखंडता, लोकतंत्र, सकारात्मक पंथ-निरपेक्षता, गांधीवादी समाजवाद तथा मूल्य आधारित राजनीति है।