बारिश से मौसम खुशनुमा,उफनायी नदियों ने डराया

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के अधिसंख्य क्षेत्रों में रूक रूक कर हो रही बारिश से मौसम खुशनुमा बना हुआ है वहीं नदियों के जलस्तर में हाे रहा उतार चढ़ाव तटीय इलाकों में निवास करने वाली आबादी को डरा रहा है।मौसम विभाग के अनुसार वर्षा का यह सिलसिला कम से कम अगले तीन दिन तक जारी रहने का अनुमान है। इस दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश के अधिसंख्य क्षेत्रों में मध्यम से भारी बारिश के आसार है हालांकि पश्चिम के इक्का दुक्का इलाकों में वर्षा का अनुमान है। बुंदेलखंड में बेतवा और यमुना के जलस्तर में कमी आयी है जबकि अयोध्या,बलिया और बाराबंकी में घाघरा के तेवर और तल्ख हुये हैं। बलरामपुर,बांसी और बृडघाट में राप्ती के जलस्तर में बढोत्तरी दर्ज की जा रही है हालांकि नदी खतरे के निशान से काफी नीचे है। इटावा में पिछले कुछ दिनों से उफना रही चंबल फिलहाल शांत होती दिखायी दे रही है। शारदा में पलियाकलां में शारदा नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है हालांकि नदी का जलस्तर घट रहा है। कानपुर,बाराबंकी, प्रयागराज,लखनऊ,मिर्जापुर,वाराणसी,बलिया,बांदा,हमीरपुर,सीतापुर और जौनपुर समेत राज्य के कई इलाकों में बुधवार को रिमझिम बरसात से तापमान में तीन डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गयी। सुबह के समय हुयी बारिश से स्कूली बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कई स्कूल प्रशासन ने रेनी डे घोषित कर दिया जबकि कई में छात्रों की संख्या काफी कम रही। बारिश ने दफ्तर जाने वालों के रास्ते में बाधा खड़ी की। बारिश रूकने के बाद शहरों में जाम के हालात बन गये। प्रयागराज और वाराणसी में गंगा के जलस्तर में कमी आयी है हालांकि बाढ़ के पानी से अभी भी घाट डूबे हुये हैं। मथुरा में यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और नदी का जलस्तर लगातार बढ रहा है। बुलंदशहर,फतेहगढ और बलिया में गंगा उफान पर है। बाढ़ के चलते सैकेड़ों गावों में हजारों एकड़ कृषि योग्य भूमि जलमग्न है। ग्रामीण इलाकों में कच्चे मकानो के धाराशायी होने का सिलसिला बदस्तूर जारी है हालांकि जनहानि होने की फिलहाल कोई सूचना नहीं है। कई गांवों का संपर्क मुख्य मार्गो से कट गया है। जिन इलाकों में बाढ़ का पानी घट रहा है वहां कीचड़ और गंदगी से संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा गहराने लगा है। केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार सुबह आठ बजे बाराबंकी के एल्गिनब्रिज पर घाघरा खतरे के निशान से दो मिमी ऊपर बह रही थी जबकि अयोध्या में नदी का जलस्तर लाल निशान से 37 सेमी नीचे यानी 92़ 36 मीटर पर था। मथुरा में यमुना नदी खतरे के निशान 155़ 10 को पार कर 165़ 20 मीटर पर थी जबकि लखीमपुर खीरी के पलियाकलां में शारदा नदी के निशान से पांच सेमी नीचे थी। बदायूं में लगातार बढ रही गंगा चेतावनी बिंदु को पार कर 162़ 0 मीटर पर बह रही थी वहीं बुलंदशहर में नदी का जलस्तर 178़ 42 मीटर पर था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button