मनरेगा मजदूरों का मारा जा रहा हक

जेसीबी से कराया जाता है कार्य, अधिकारी रहते है मौन

नगरा प्रखंड के खैरा थाना क्षेत्र के खैरा पंचायत के राधाबागी नमक जगह पर मनरेगा के तहत एक गैरमजरूआ जमीन में डैम का निर्माण किया जा रहा है जिसमें जलजमाव होने से लोगों को कृषि सिचाई में काफी फायदा होगा। लेकिन निर्माण कार्य में बहुत बड़े पैमाने पर गड़बड़ी नजर आ रही है। बिहार सरकार के द्वारा 2006 ई0 में मनरेगा कार्यक्रम की शुरुआत इस उद्देश्य की गई थी कि क्षेत्र का विकास भी होगा और जरूरतमंद मजदूरों को रोजगार भी मिल जाएगा। इसके लिए क्षेत्र के मजदूरों का जॉब कार्ड भी बनाया गया। ऐसी व्यवस्था की गई कि प्रत्येक मजदूर को कम से कम वर्ष में 100 दिन का काम जरूर मिले। सरकार की योजना सही तो जरूर थी, लेकिन स्थानीय स्तर पर अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि इस योजना को सफल नहीं होने दे रहे हैं। प्राप्त सूचना अनुसार पंचायत राज खैरा के राधाबागी में जिस डैम निर्माण किया जा रहा है, मनरेगा के मजदूरों से न करा करके जेसीबी से गत एक पखवाड़े से कार्य को कराया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो ज्यादातर मजदूर अशिक्षित है जिसके चलते इनके जॉब कार्ड को स्थानीय स्तर के कर्मचारियों एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा अपने पास जमा करा लिया जाता है तथा गोपनीय तरीके से उनका हस्ताक्षर करा कर उनका खाता से रूपये भी निकाल लिए जाते हैं। चाहे जो भी हो तत्काल कार्यस्थल को देखने से तो यही पता चलता है कि जो जगह सैकड़ो मजदूर काम करते नजर आते उस जगह पर एक जेसीबी और कुछ ट्रैक्टर मिट्टी को लेकर दौड़ते हुए नजर आ रहे हैं। इसमें स्थानीय स्तर के नरेगा के मजदूरों की रोटी छीनी जा रही है तथा वह दूसरे जगह जाकर अपनी आजीविका चलाने के लिए दूसरे कार्यों को करने के लिए विवश हैं। कार्य इस तरह से कराया जा रहा कि यह किस योजना के तहत हो रहा है इसका खुलासा न हो क्योंकि कार्य स्थल के पास अभी किसी भी प्रकार का बोर्ड नही लगया गया है।

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