पीड़ित परिवार से सहृदयता जतलाकर डीएम डॉ दिनेश चंद्र सिंह ने बिगड़ी स्थिति को संभाला

फोटोकैप्शन:- लोगों को समझाते हुए जिलाधिकारी डॉ दिनेश चंद्र सिंह अपनी टीम के साथ।
कमलेश पांडेय, नई दिल्ली। बिना एक पल गंवाए प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों को जगह जगह करवाया तैनात, खुद भी डटे रहे मौके पर हाल ही में घटित लखीमपुर खीरी किसान वनाम भाजपा कार्यकर्ता हत्याकांड की वजह से यूपी प्रशासन की जहां देश-विदेश में किरकिरी हुई, वहीं इसी हत्याकांड में अपने बहराइच जनपद के दो निवासियों के मारे जाने से उतपन्न हालात को काबू में करने के लिए जिलाधिकारी डॉ दिनेश चंद्र सिंह ने जो ततपरता दिखाई और स्थिति को काबू में किया, उसकी सर्वत्र प्रशंसा हो रही है। खासकर डीएम डॉ सिंह द्वारा पंजाबी भाषा गुरुमुखी में शोक संतप्त परिजनों को लिखे गए पत्र की, जिसने उनके मनोभावों को बेकाबू होने से रोक दिया।
बताते चलें कि विगत 3 अक्टूबर को जनपद लखीमपुर खीरी में घटित हुई घटना में बहराइच जनपद के 2 व्यक्तियों की मृत्यु के कारण जनपद में उत्पन्न हुई परिस्थितियों के दौरान जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में जिला प्रशासन द्वारा पूरी तत्परता और संजीदगी के साथ हालात को संभाला गया। गौरतलब है कि लखीमपुर की घटना में जनपद की तहसील नानपारा अन्तर्गत 2 अलग-अलग ग्रामों बंजारन टांडा निवासी दलजीत सिंह पुत्र स्व. हरी सिंह तथा ग्राम मोहर्निया निवासी गुरविन्दर सिंह पुत्र सुखविन्दर सिंह की मृत्यु हो गयी थी। उक्त घटना में जनपद के 2 व्यक्तियों की मृत्यु की जानकारी होते ही जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र एक पल गवांये बिना पूरे प्रशासनिक अमले के साथ सम्बन्धित ग्रामों में पहुंचे और परिस्थितियों को देखते हुए विधि व्यवस्था एवं लोक परिशान्ति सहित लोक व्यवस्था व जनसुरक्षा कायम रखने के उद्देश्य से यथास्थान मजिस्ट्रेटों व समकक्ष पुलिस अधिकारियों की तैनाती ही नहीं की अपितु निरन्तर शोकाकुल परिवार के सम्पर्क में रहकर उन्हें ढ़ाढस भी बंधाते रहे। उक्त घटना से स्वयं अत्यन्त दुखी जिलाधिकारी डॉ. सिंह ने गुरमुखी भाषा में शोक सन्देश लिखा, जिसका प्रभाव भी दिख रहा है।
लखीमपुर घटना में मृतकों के शव उनके पैतृक आवास पहुंचने पर दोबारा पोस्टमार्टम की बात आने पर सभी से समन्वय एवं परिस्थितियों के अनुरूप संयम एवं धैर्य के साथ कुछ अधिकारियों से मार्गदर्शन प्राप्त कर मौके की परिस्थिति को दृष्टिगत रखते हुए परिजनों की सहमति से त्वरित निर्णय लेते हुए पोस्टमार्टम कराये जाने का अनुकरणीय कार्य ही नहीं किया, अपितु मेडिकल टीम की व्यवस्था कराते हुए स्वयं भी पूरे समय मर्चरी में मौजूद रहे, जो कि बहुत बड़ी बात है। यह पीड़ित जनता के प्रति प्रशासनिक सम्वेदनशीलता का एक अव्वल नजीर भी बन चुका है। यदि सभी अधिकारीगण ऐसी ही सम्वेदनशीलता दिखाएं तो कोई भी घटना प्रतिशोध वश बड़ी घटना बनने से रोकी जा सकती है।
इस घटना के संज्ञान में आने के बाद से मृतकों के अन्तिम संस्कार की रस्म तक जिलाधिकारी डॉ. सिंह हर स्थान पर पेश-पेश से नज़र आये। घटना के सम्बन्ध में शासन और किसान समूह के बीच हुई वार्ता में तय मुआवज़े के भुगतान में भी जिलाधिकारी डॉ. सिंह ने बड़ी संजीदगी और तत्परता दिखाते हुए गत 5 अक्टूबर को ही प्रति मृतक रू. 45-45 लाख रुपये के चेक लेकर पुलिस अधीक्षक सुजाता सिंह व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मृतकों के आवास पर पहुंच कर उनके परिजनों, रिश्तेदारों व ग्रामवासियों के समक्ष उनके हिताधिकारियों को सौंप दिया।
वहीं, जनपद लखीमपुर खीरी में घटित घटना में जनपद बहराइच के 2 व्यक्तियों की मृत्यु हो जाने के कारण मृतकों के आवासों पर विभिन्न राजनैतिक दलों, संगठनों के आवागमन के कारण जनपद में संवेदनशीलता की गतिविधियों के दृष्टिगत शान्ति एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने के निमित्त जहां प्रत्येक स्तर पर मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गयी, वहीं मृतकों के आवास पर शोक संवेदना व्यक्त करने हेतु 5 व्यक्तियों के समूह को नियत/अनुमन्य सुरक्षा के साथ अनुमति भी प्रदान की जा रही है।
घटना को लेकर कहीं पर कोई अप्रिय स्थिति न उत्पन्न हो इसके लिए मृतकों के पैतृक आवास से लेकर सम्पूर्ण जनपद के सीमा क्षेत्र में मजिस्ट्रेटों व जिला स्तरीय अधिकारियों की तैनाती की गयी। ग्राम मोहर्निया में बीडीओ रिसिया व मिहींपुरवा, तहसीलदार व नायब तहसीलदार नानपारा तथा बंजारन टांडा में तहसीलदार मिहींपुरवा (मोतीपुर) व महसी तथा बीडीओ बलहा व नवाबगंज को तैनात किया गया।
इसी प्रकार सम्पूर्ण जनपद में कानून एवं शान्ति व्यवस्था बनाये रखने के दृष्टिगत घाघराघाट से कैसरगंज सीमा तक एस.डी.एम. कैसरगंज, टोल प्लाज़ा कैसरगंज पर एस.डी.एम. महसी, बेदौरा चौराहा फखरपुर पर डी.डी.ओ. व तहसीलदार सदर, झिंगहाघाट रामगांव तिराहा पर अतिरिक्त मजिस्ट्रेट बाबू राम व जिला पूर्ति अधिकारी, रिसिया मोड़ पर एस.डी.एम. सदर, बी.एस.ए. व नायब तहसीलदार सदर, मोहर्निया मोड़ नानपारा रोड पर डिप्टी आर.एम.ओ. व तहसीलदार नानपारा, ग्राम बंजारन टांडा में एस.डी.एम. मिहींपुरवा (मोतीपुर) व नायब तहसीलदार नानपारा, ग्राम मोहर्निया में एस.डी.एम. पयागपुर, सी.वी.ओ. व डी.डी. एग्री को तैनात किया गया। जबकि इस सम्पूर्ण व्यवस्था के प्रभारी अधिकारी की जिम्मेदारी सी.डी.ओ. व सी.आर.ओ. को सौंपी गयी।
इसके अलावा लखीमपुर की घटना के उपरान्त जनपद में कैम्प कर रहे ए.डी.जी. गोरखपुर ज़ोन अखिल कुमार, आई.जी. डॉ. राकेश कुमार सिंह व पुलिस अधीक्षक सुजाता सिंह के साथ जिलाधिकारी डॉ. सिंह ने स्वयं भी निरन्तर भ्रमणशील रहकर हालात पर सतर्क दृष्टि बनाये रहे और सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते रहे।
उल्लेखनीय है कि लखीमपुर की घटना के उपरान्त जनपद में उत्पन्न परिस्थितियों में कानून एवं शान्ति व्यवस्था के दृष्टिगत जिलाधिकारी डॉ. सिंह जहां एक ओर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी, कृषि के डॉ. देवेश चतुर्वेदी तथा सूचना के नवनीत सहगल से सम्पर्क में रहकर आवश्यक मार्गदर्शन प्राप्त करते रहे। वहीं दूसरी ओर किसान नेता राकेश टिकैत को भी हालात से अवगत कराते हुए सदभावपूर्ण महौल बनाये रखने की अपील कीे।
लखीमपुर की घटना के उपरान्त जनपद में उत्पन्न परिस्थितियों में संयम एवं सहयोग प्रदान करने के लिए जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र सिंह ने सिख समुदाय, जनपदवासियों तथा मीडिया प्रतिनिधियों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया है।
फोटोकैप्शन:- लोगों को समझाते हुए जिलाधिकारी डॉ दिनेश चंद्र सिंह अपनी टीम के साथ।

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