आलोक वर्मा के बाद राकेश अस्थाना की भी सीबीआई से छुट्टी

केन्द्र ने बृहस्पतिवार को सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना तथा तीन अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यकाल को तत्काल प्रभाव से कम कर दिया। इससे कुछ दिन पहले, एजेंसी के तत्कालीन प्रमुख आलोक वर्मा को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत समिति ने सीबीआई से हटा दिया था। अस्थाना का वर्मा के साथ अभूतपूर्व टकराव हुआ था। उन्हें पिछले साल अक्टूबर में सरकार ने जबरन छुट्टी पर भेजा था। कार्मिक मंत्रालय ने एक आदेश में कहा कि अस्थाना के अलावा सीबीआई के तीन अन्य अधिकारियों संयुक्त निदेशक अरुण कुमार शर्मा, उपमहानिरीक्षक मनीष कुमार सिन्हा और पुलिस अधीक्षक जयंत जे नाईकनवरे के कार्यकाल में भी कटौती की गई है। वर्मा और अस्थाना ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। सरकार ने उन दोनों को जबरन छुट्टी पर भेजा था। दोनों अधिकारियों के बीच आरोप प्रत्यारोप के बाद, सीबीआई ने वर्मा के एजेंसी प्रमुख रहते हुए अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था। इस बीच, सरकार ने एम नागेश्वर राव को अंतरिम सीबीआई प्रमुख नियुक्त किया है। ताजा आदेश ऐसे समय आया है जब कुछ दिन पहले आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया गया था और उन्हें दमकल, सिविल डिफेंस और होम गार्ड का महानिदेशक नियुक्त किया गया था। वर्मा ने नया पद लेने से इंकार कर दिया था और कहा था कि वह पुलिस सेवा से पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वर्मा ने एक फरवरी 2017 को दो साल के स्थायी कार्यकाल के लिए सीबीआई प्रमुख का पद संभाला था। सिन्हा का कार्यकाल भी कम कर दिया गया है। सीबीआई के दो शीर्ष अधिकारियों से जुड़े सीबीआई विवाद में सिन्हा का नाम भी आया था। अस्थाना और शर्मा गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं जबकि सिन्हा 2000 बैच के आंध्र प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। नाईकनवरे 2004 बैच के महाराष्ट्र कैडर के अधिकारी हैं।

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