“हृदय रोगों के बढ़ते मामलों का मुख्य कारण खराब और गतिहीन जीवनशैली”

गुरुग्राम। दिल के दौरे को कभी बुजुर्गों की समस्या माना जाता था लेकिन धीरे-धीरे यह युवाओं के बीच भी आम हो रहा है। खराब जीवनशैली की आदतों (धूम्रपान, शराब, खराब खाने की आदतें और गतिहीन जीवनशैली) के कारण मध्यम आयु वर्ग की आबादी समय से पहले ही दिल की समस्याओं से जूझने लगी है। हालांकि, अनुवांशिक रोगों को पूरी तरह से नियंत्रित नहीं किया जा सकता है, लेकिन जीवनशैली में बदलाव करने से एक बड़ा बदलाव आ सकता है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी की 152वीं जयंती के उपलक्ष्य में, फोर्टिस अस्पताल, गुरुग्राम ने देश में हृदय रोगों की बढ़ती घटनाओं और इसकी रोकथाम की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक पूरे दिन का जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। यह कार्यक्रम ट्यूलिप वायलेट आरडब्ल्यूए, गुरुग्राम में आयोजित किया गया था, जिसमें सभी सामाजिक दूरियों के मानदंडों का पालन करते हुए 1100 अपार्टमेंट के 2000 से अधिक निवासियों की भारी भागीदारी देखी गई। कार्यक्रमों में स्वास्थ्य वार्ता, लकी ड्रॉ गेम, पूरी तरह से निरूशुल्क हृदय स्वास्थ्य जांच, बच्चों के लिए ड्राइंग प्रतियोगिता और मैजिक शो और सभी निवासियों को सीपीआर प्रशिक्षण भी शामिल था।
युवा आबादी में भी महामारी के दौरान हृदय की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं, पद्म भूषण पुरस्कार विजेता, फोर्टिस हार्ट एंड वैस्कुलर इंस्टीट्यूट, फोर्टिस अस्पताल, के अध्यक्ष डॉ .टीएस क्लेर ने बताया कि “हृदय रोगों के बढ़ते मामलों का मुख्य कारण खराब और गतिहीन जीवनशैली है। अधिकांश भारतीय आबादी हार्ट अटैक के लक्षणों के बारे में अभी भी अनजान है इसलिए इस प्रकार के कार्यक्रमों की मदद से हम लोगों को जागरुक करना चाहते हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को हार्ट अटैक की रोकथाम और उसके उपचार के तरीकों के बारे में समझाना था। स्वस्थ आहार, चलना, व्यायाम और नियमित शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा देना इस के मुख्य पहलुओं में से एक है, जो आपके दिल को स्वस्थ रखता है।
डॉ क्लेर ने बताया कि, “दिल को स्वस्थ रखने के लिए ब्रिस्क वॉकिंग सबसे अच्छा व्यायाम है। यह समग्र शरीर के लचीलेपन, दिल के स्वास्थ्य में सुधार, एलडीएल (खराब), कोलेस्ट्रॉल और मोटापे को कम करने में मदद करता है जिससे उच्च रक्तचाप, हार्ट अटैक और डायबिटीज का खतरा कम होता है। यह मानसिक तनाव और चयापचय से निपटने में भी मदद करता है इसलिए शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा देना आवश्यक है।”

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