गोविंदाचार्य ने राजनीतिक दलों से किसानों के हितों को प्राथमिकता देने की अपील की

चार अक्टूबर लखीमपुर खीरी में हिंसा के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व पदाधिकारी के एन गोविंदाचार्य ने सोमवार को राजनीतिक दलों से अपने हितों की नहीं बल्कि किसानों के हितों को प्राथमिकता देने की अपील की और उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि वह राज्य की हिंसा को केवल कानून और व्यवस्था का मुद्दा न समझे।

घटना पर क्षोभ प्रकट करते हुए गोविंदाचार्य ने कहा कि सावधानी के तीन पहलुओं को बनाए रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को अपनी प्रतिक्रिया में मुद्दे की सीमा, गहराई और जटिलता को ध्यान में रखना चाहिए और इसे केवल कानून-व्यवस्था की समस्या के रूप में नहीं लेना चाहिए।

विभिन्न अभियानों से जुड़े गोविंदाचार्य (78) ने चौरी चौरा की घटना पर महात्मा गांधी की प्रतिक्रिया को भी याद किया और विरोध करने वाले किसानों से इसे समझने और इसका पालन करने का प्रयास करने को कहा।

चौरी चौरा कांड 1922 में हुआ था जब पुलिस की गोलीबारी में कुछ लोगों की मौत से नाराज होकर प्रदर्शनकारियों ने एक थाने में आग लगा दी थी। घटना में कई पुलिसकर्मी मारे गए थे। गांधी बिना किसी उकसावे के हिंसा के खिलाफ थे और उन्होंने इस घटना के बाद असहयोग आंदोलन को रोक दिया था।

लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में रविवार को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री मिश्रा के पैतृक गांव जाने के विरोध के दौरान हुए संघर्ष में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा सहित कई अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

News Source : Lokmat News Hindi

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