कुछ हासिल करना है तो उसे अपने की शारीरिक संतुष्टि की वजाय मानसिक संतुष्टि के लिए करें – सत्येंद्र जैन
उन्होंने आगे कहा, “आज कॉरपोरेट सेक्टर में काम करने वाले काफी सारे नौजवान बीमार हैं। अधिक काम की वजह से वे काफी तनाव में रहते हैं। कई नौजवान 18-18 घंटे तक काम करते हैं, जो उनकी सेहत के लिए ठीक नहीं है। हमें इस चीज़ पर ध्यान देने की जरूरत है कि काम की स्थिति तनावपूर्ण न हो।”
श्री सत्येंद्र जैन ने कहा, “युवा पीढ़ी जीवन से जुड़े बाहरी सुख, जैसे घर और गाड़ी को बहुत महत्व देती है लेकिन स्वयं के जीवन को नहीं। हमने जीवन को बहुत पीछे छोड़ दिया है लेकिन जीवन की कुछ बाहरी चीजों को बहुत महत्व दिया है। हमें उन्हें यह समझाने की जरूरत है की जीवन अनमोल है। किसी भी चीज को पाने के लिए मेहनत करने की जरूरत है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है की उसके लिए तनाव ले। जीवन में कुछ भी हासिल करना है तो उसे अपने आंतरिक संतुष्टि के लिए करें ना की शारीरिक संतुष्टि के लिए।”
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “तनाव का एक बहुत बड़ा कारण ओवर-कनेक्टिविटी भी है। कनेक्टिविटी दो पहलुओ पर काम कर रही है। एक तरफ हम सब सोशल मीडिया के जरिए एक-दुसरे से जुड़े हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ अपने असल सामाजिक जीवन में सबसे संपर्क टूट रहा है। रात में सोने से पहले या फिर सुबह उठने के बाद हम सब सबसे पहले अपना मोबाइल फोन ही देखते हैं। आज हमारे देश के युवा आठ से दस घंटे मोबाइल पर ही बिताते हैं। हमें इसे एक उपकरण की तरह इस्तेमाल करना चाहिए न की जीवन की तरह। हमें इस पर अपनी निर्भरता कम करनी चाहिए। हमें सामाजिक रूप से एक दूसरे से जुड़ने की जरूरत है और सोशल मीडिया का कम इस्तेमाल करने की जरूरत है। हमें सोने से एक घंटे पहले और उठने के एक घंटे बाद सोशल मीडिया का इस्तेमाल न करने की कोशिश करनी चाहिए।”
अंत में श्री सत्येंद्र जैन ने कहा “हमें अंधी दौड़ का हिस्सा नहीं बनना चाहिए। जितने भी सफल व्यक्ति हैं उन सभी को युवाओं के साथ अपने जीवन के उतार-चढ़ावो को सांझा करना चाहिए और जो चीजें दिल के करीब है उन्हें करना चाहिए। इससे तनाव को जीवन से कम करने में मदद मिलेगी। जीवन में सबको साथ लेकर चलने से जीवन और आसान और खूबसूरत होगा।”