केजरीवाल सरकार दिल्ली में बना रही देश का सबसे बड़ा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट- सत्येंद्र जैन


इस एसटीपी में दक्षिण और मध्य दिल्ली के विभिन्न नालों और सीवरेज नेटवर्क से सीवेज प्राप्त होगा। अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए उन्नत प्रणालियों को इस एसटीपी के साथ एकीकृत किया जा रहा है। इस एसटीपी में 12 एकड़ में फैले लगभग 150 टन कीचड़ को सुखाने के लिए सोलर-ड्राइंग की व्यवस्था भी होगी। दूषित पानी से ठोस कणों को हटाने के लिए उन्नत सक्शन प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। इस एसटीपी के पूरा होने के बाद यमुना में बहने वाले दूषित पानी को रोका जा सकेगा। इस एसटीपी से साफ हुए दूषित पानी का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। जैसे कि असोला भट्टी की खदानों और उसके आसपास के क्षेत्रों में भूजल पुनर्भरण के लिए, झीलों और जल निकायों के कायाकल्प के लिए आदि। साथ ही, अतिरिक्त पानी को यमुना में छोड़ा जाएगा।
इसके अलावा, मौजूदा समय में ओखला एसटीपी परिसर में 72 एमएलडी और 136 एमएलडी के दो एसटीपी काम कर रहे हैं। इसके बाद, ओखला एसटीपी कॉम्प्लेक्स की कुल क्षमता 771 एमएलडी हो जाएगी। इनमें से 136 एमएलडी पानी बायो केमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) और टोटल सस्पेंडेड सॉलिड (टीएसएस) 10 मिलीग्राम प्रति लीटर से कम पहले ही किया जा चुका है। 72 एमएलडी दूषित पानी को जल मंत्री सत्येंद्र जैन के निर्देश पर दिल्ली जल बोर्ड द्वारा कुशलता से शोधित किया गया है। यह 72 एमएलडी पानी डोजिंग के बाद 10-12 मिलीग्राम प्रति लीटर की बायो केमिकल ऑक्सीजन डिमांड और 16-18 मिलीग्राम प्रति लीटर की टोटल सस्पेंडेड सॉलिड प्राप्त कर रहा है। इस परियोजना के पूरा होने के बाद पुराने एसटीपी से आने वाले दूषित पानी की गुणवत्ता में राष्ट्रीय हरित अधिकरण के तय किए गए मानकों के अनुसार सुधार होगा।