यमुना की सफाई दिल्ली सरकार की है सर्वोच्च प्राथमिकता – सत्येंद्र जैन
केजरीवाल सरकार अपने खर्च पर पड़ोसी राज्यों से यमुना में आने वाले 155 एमजीडी दूषित पानी को करेगी साफ - सत्येंद्र जैन

इसी तरह, कल्याणपुरी में स्थित गाजीपुर ड्रेन से दूषित पानी निकालने और कोंडली एसटीपी तक पहुंचाने के लिए बैराज का काम पूरा कर लिया गया है। 5-7 एमजीडी के प्रवाह को पहले ही मोड़ दिया गया है, जिसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 50 एमजीडी की अंतिम क्षमता तक पहुंचा दिया जाएगा। गाजीपुर नाले के पूरे गंदे पानी को टैप कर ट्रीट किया जाएगा। रीसायकल किये गए पानी को पूर्वी दिल्ली की झीलों और हरित क्षेत्रों की ओर मोड़ दिया जाएगा। साथ ही, बचे हुए साफ पानी को कायाकल्प और पुनर्भरण परियोजनाओं के लिए नालों में छोड़ा जाएगा। इस पहल से गंदे पानी से होने वाली दुर्गंध की समस्या से भी निजात मिलेगी और आसपास के क्षेत्रों के भूजल प्रदूषण की समस्या भी कम होगी।
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग नजफगढ़ ड्रेन की कायाकल्प करने पर कार्य कर रहा है, जिसमें बादशाहपुर ड्रेन से आने वाले गंदे पानी को इन-सीटू ट्रीटमेंट दिया जाएगा। इसमें दूषित पानी को नाले के प्रवाह के दौरान ही साफ कर दिया जाएगा। दूषित पानी का उपचार फ्लोटिंग एरेटर और फ्लोटिंग वेटलैंड्स की मदद से किया जाएगा। पानी में ऑक्सीजन की मात्रा को भी बढ़ाया जाएगा और यह 04 मिलीग्राम प्रति लीटर से ऊपर रखी जाएगी। नजफगढ़ ड्रेन 57 किलोमीटर लम्बी है, जबकि बादशाहपुर ड्रेन के दूषित पानी की सफाई शुरुआती 4-5 किलोमीटर में ही कर दी जाएगी।
दिल्ली सरकार ने इन सभी नालों की सफाई के लिए युद्ध स्तर पर काम शुरू कर दिया है। इसके लिए नई तकनीकों का प्रयोग किया जा रहा है। इन-सीटू तकनीक के साथ-साथ मौजूदा एसटीपी का उपयोग इन नालों को साफ करने के लिए किया जाएगा, जहां इन राज्यों का दूषित पानी दिल्ली के नालों में मिलेगा।