नेहरू प्लेस डीटीसी बस टर्मिनल पर ईवी चार्जिंग प्लाजा का निर्माण एक महीने के भीतर पूरा हो जाएगा

सीईएसएल, एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल), बिजली मंत्रालय की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है जो दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के सहयोग से सात डीटीसी टर्मिनलों और डिपो में सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशन और बैटरी स्वैपिंग स्टेशन विकसित करेगी।सात स्थानों में से प्रत्येक में कुल छह चार्जिंग पॉइंट होंगे, जिनमें से 3 दो-पहिया और तीन-पहिया वाहनों के लिए होंगे और 3 चार्जिंग पॉइंट्स चार-पहिया वाहनों को चार्ज करने में इस्तेमाल किये जा सकेंगे।एक बार इंस्टाल हो जाने के बाद, ये लोकेशन अपनी रीयल-टाइम स्थिति और चार्जिंग पॉइंट की उपलब्धता सहित सभी जानकारियों के साथ दिल्ली सरकार के वन दिल्ली ऐप पर भी उपलब्ध होंगे।

इस अवसर पर बोलते हुए परिवहन मंत्री श्री कैलाश गहलोत ने कहा, “हम राष्ट्रीय राजधानी में इनोवेटिव चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और ईवी इकोसिस्टम विकसित करने के अपने एजेंडे पर लगातार काम कर रहे हैं। हमें सीईएसएल के साथ जो की देश में ईवी और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में विशेषज्ञता के लिए जाने जाते हैं, के साथ सहयोग करने में ख़ुशी हो रही है। पिछले साल ईवी पॉलिसी के लॉन्च के बाद से, हमने दिल्ली की सड़कों पर चलने वाले ईवी की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि की है। अभी तक 17,000 से अधिक ईवी पंजीकृत हो चुके हैं। हम 100 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों के अलावा परिवहन विभाग की 20 और साइटों को स्थापना के अगले चरण में जोड़ने पर भी विचार कर रहे हैं, जिन्हें खुली निविदा के माध्यम से स्थापित किया जाएगा। इससे सार्वजनिक परिवहन के ई-साधनो के साथ दिल्ली के निवासियों के लिए ई-मोबिलिटी को अपनाने में काफी आसानी होगी ।“
इस साझेदारी के बारे में बात करते हुए, सुश्री महुआ आचार्य, एमडी और सीईओ, सीईएसएल ने कहा कि इससे दिल्ली एनसीआर में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में मज़बूती आएगी जिससे लोग इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने के लिए प्रेरित हो सकेंगे। सीईएसएल दिल्ली सरकार द्वारा चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार में तेजी लाने की योजना के तहत दिसंबर 2021 के अंत तक इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। हमें उनके साथ सहयोग करने का अवसर देने के लिए हम दिल्ली परिवहन निगम के आभारी हैं। हमारा मानना है कि दिल्ली सरकार के साथ यह एक मजबूत सहयोग की शुरुआत है। इससे न केवल ईवी नीति को लागू करने में मदद मिलेगी बल्कि बड़े सतत अभियान में भी मदद होगी। हमें विश्वास है कि इससे ईवी के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण होगा और स्वच्छ परिवर्तन के उद्देश्य से ई-वाहनों को व्यापक रूप से अपनाने में मदद मिलेगी।