क्यों बढ़ती है महिलाओं में सेक्स उदासीनता?

प्रसिद्ध कहावत है कि स्त्री स्वभाव को भगवान भी नहीं समझ पाए हैं, तो मनुष्य की बिसात ही क्या! महिलाओं के सेक्स मूड पर भी यही बात देखी जाती है। सेक्स को लेकर उनकी उदासीनता इतनी बढ़ जाती है उसके पार्टनर भी उसके मूड को भांप नहीं पाते हैं। उनकी उदासीनता की अहम वजह उनकी उम्र हो सकती है!

हालांकि कई शोध से यह बात उभरी है कि महिलाओं में सेक्स के प्रति दिलचस्पी होना अथवा न होना सिर्फ बढ़ती उम्र पर निर्भर नहीं करता। यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि उसका संबंध अपने लाइफ पार्टनर के साथ कैसा है और सेक्स संबंधी गतिविधियों में वे कितनी दिलचस्पी लेते हैं। कई बार भावनात्मक वजह से उनकी सेक्स और अपने पार्टनर में दिलचस्पी खत्म हो चुकी होती हैं। अमेरिकी शोध में यह पाया गया है कि 18 से 36 वें आयु की औरतें न सिर्फ सेक्सुअली काफी सक्रिय होती हैं बल्कि कई मामलों में उनकी दिलचस्पी बढ़ती भी पाई गई है। सेक्स में दिलचस्पी खत्म होने की कई वजहें होती हैं।

पार्टनर से खराब संबंध
अमेरिका में, महिलाओं पर किए गए शोध के बाद वैज्ञानिकों ने बताया कि सेक्सुअल प्रॉब्लम की वजह से भी महिलाएं सेक्सुअल एक्टिविटिज में शामिल होने से कतराती हैं। शोध के मुताबिक हायपोएक्टिव सेक्सुअल डिजायर डिसऑर्डर(एचएसडीडी) महिलाओं की एक कॉमन सेक्सुअल प्रॉब्लम है। इस प्रॉब्लम की वजह से इंसान का सेक्स में कम इंटरेस्ट हो जाता है। वह सेक्स के लिए जल्दी तैयार नहीं होती है या काफी अनमनेपन से तैयार होती है। आम तौर पर देखा गया है कि इस बीमारी की वजह अपने पार्टनर के साथ लड़ाई-झगड़े, पार्टनर के द्वारा उन्हें समय न दे पाना जिससे वो अकेलापन महसूस करने लगती हैं, इसके पीछे और भी कई घरेलू कारण हो सकते हैं।

शरीर की थकावट
भागदौड़ वाली जिंदगी में हाउस वाइफ हो या फिर वर्किंग वुमन, अत्यधिक काम की वजह से काफी थक जाती हैं और वह इस थकावट को दूर करने के लिए वह अपने पार्टनर से थोड़ा स्पेस चाहती हैं। शोध के मुताबिक प्राय: बिजी और स्ट्रेसफुल शेड्यूल फॉलो करने वाली महिलाओं में सेक्स की इच्छा कम हो जाती है। क्योंकि उन्हें लगता है कि सेक्स की वजह से उनकी प्रोफेशनल लाईफ प्रभावित हो सकती है। ऐसे में कई बार वह नर्वसनेस का शिकार हो सकती है, प्रेग्नेंसी का डर या सेक्स के दौरान कभी-कभी होने वाले दर्द की वजह से सेक्स करने से डरती हैं।

शरीर का बेडौल होना
शादी के बाद कई बार महिलाएं अपने शरीर पर ध्यान नहीं देती हैं। वे मानसिक दबाव के चलते भी सेक्स में रुचि नहीं लेती हैं। बच्चों में ज्यादा व्यस्त हो जाने तथा सामाजिक मान्यताओं के चलते उन्हें लगता है सेक्स बहुत दिलचस्पी लेना उचित नहीं। बेतरतीब खान-पान, बच्चे हो जाना इत्यादि वजह से उनका शरीर बेडौल होने लगता है। अपने बढ़ते वजन, प्रेग्नेंसी के बाद बॉडी पर पड़े स्ट्रेच मॉक्र्स और पार्टनर की अपने बॉडी के बारे में कमेंट करने की वजह से डिप्रेशन का शिकार हो जाती हैं। जिसकी वजह से भी उनकी रूचि सेक्स में काफी कम हो जाती है।

दवाई और साइड इफेक्ट
कई बार किसी दवाई का दुस्प्रभाव शरीर पर पड़ता है। जिससे महिलाओं के सेक्स करने के मूड पर प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, कई बार गर्भ निरोधक दवाई से महिलाओं में हारमोनल बदलाव होने की वजह से उनके मासिक चक्र में बदलाव हो जाता है, जिससे महिलाओं की सेक्स लाइफ भी प्रभावित होती है। हालांकि यह प्रॉब्लम धीरे-धीरे ठीक हो जाती है।

ऐसी स्थिति से बचने के लिए क्या करें
अगर महिलाएं सेक्स में कम इंटरेस्ट ले रही हैं तो उनके पार्टनर की जिम्मेदारी बनती है कि उन्हें कभी अकेलापन महसूस न होने दे। महिलाओं को भी कोशिश करनी चाहिए कि वो पार्टनर और अपने बीच लड़ाई-झगड़े करने की गुजाईश न छोड़ें। हालांकि जहां लड़ाई होती है वहीं प्यार भी छुपा होता है। लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि जब-तब लड़ाई करते रहें। सेक्स से पहले पार्टनर के साथ फोरप्ले करें। इससे भी आपके मूड में बदलाव आ सकता है।

सही खान-पान पर ध्यान दें। हमेशा याद रखें बढिय़ा फूड आपकी मूड बनाने, सेक्सुअल जरूरतों को कम या ज्यादा करने में एक बड़ा रोल निभाती है। अगर आप सही और पौष्टिक डाइट लेंगें, तो न सिर्फ आपका स्टेमिना बढ़ेगा और बॉडी मेंटेन होगी, बल्कि सेक्स करने की इच्छा भी बढ़ेगी। आहार भी काफी हद तक सेक्स के लिए मूड तैयार करता है। इसके लिए आप चॉकलेट, कॉफी, जौ का आटा का तैयार आहार और अखरोट जैसी मूड को चेंज करने वाली चीजें खा सकती हैं। जंक फूड से हमेशा परहेज करें। इसके बावजूद भी अगर परेशानी हो रही हो तो, इसके लिए किसी डॉक्टर से कंसल्ट करना फायदेमंद होगा। घरेलू उपचार के रूप में आप योग और मेडिटेशन भी कर सकती हैं।

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