‘परम संत कृपाल सिंह जी महाराज ने हम सबको अध्यात्म का रास्ता दिखाया’
सावन कृपाल रूहानी मिशन के अध्यक्ष संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने 21 अगस्त को परम संत कृपाल सिंह जी महाराज के 47वें बरसी भंडारे के अवसर पर उनकी शिक्षाओं को याद किया। इस अवसर पर संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने शिकागो, अमेरिका से यू-ट्यूब पर लाइव टेलीकास्ट के ज़रिये अपने पावन संदेश में कहा कि परम संत कृपाल सिंह जी महाराज ने हम सबको अध्यात्म का रास्ता दिखाया और उसे दुनिया के कोने-कोने में फैलाया।
परम संत कृपाल सिंह जी महाराज चाहते थे कि हम अपने आपको अपने आत्मिक रूप में जानें और मानव जीवन के ध्येय को पूरा करें। अध्यात्म की इस तालीम को वो संपूर्ण विश्व में लेकर गए। उन्हीं की मेहनत और लगन का नतीजा है कि आज लाखों लोग उनके बताए हुए रास्ते पर चलकर प्रतिदिन ध्यान-अभ्यास में समय दे रहे हैं। वो हमें समझाया करते थे कि मानव शरीर में आना एक सुनहरा अवसर है अपने आपको जानने और पिता-परमेश्वर को पाने के लिए। उनकी याद में इकट्ठे होने का मकसद यही है कि हम सब उनके द्वारा दिखाए हुए रास्ते पर चलें। हम अपना ध्यान पिता-परमेश्वर की ओर करें ताकि हमारी ज़िंदगी का मकसद जोकि पिता-परमेश्वर का अनुभव करना है, वह इसी जीवन में पूरा हो।
संत कृपाल सिंह जी महाराज को बहुत सी बार ”प्यारे सत्गुरु“ भी कहा जाता है। उन्होंने इंसानी समझ और मानव एकता को बढ़ावा देने और ध्यान-अभ्यास के ज़रिये आध्यात्मिक जागृति का संदेश संपूर्ण विश्व में फैलाने के लिए अथक प्रयास किया। उन्हें दुनियाभर में लाखों लोगों के द्वारा सदी के महान संत और मानव एकता के समर्थक के रूप में याद किया जाता है। अपने आध्यात्मिक कार्यकाल 1948 से 1974 के दौरान उन्होंने पूरे विश्व में आध्यात्मिक प्रेम, शांति और आशा का संदेश दिया।
परम संत कृपाल सिंह जी महाराज ने सन् 1957 में वर्ल्ड फैलोशिप ऑफ रिलिजन्स की स्थापना की और उनकी अध्यक्षता में चार विश्व धर्म सम्मेलन (1957, 1965, 1969, 1970) में आयोजित किए गए। इसके पश्चात फरवरी 1974 में उन्होंने मानव एकता सम्मेलन आयोजित किया। वे पहले ऐसे महापुरुष थे जिन्होंने 1 अगस्त, 1974 को भारतीय संसद को संबोधित किया।
इस अवसर पर शांति अवेदना सदन, राज नगर, नई दिल्ली में कैंसर से पीड़ित भाई-बहनों को मिशन की ओर से दवाईयाँ, फल व अन्य उपयोगी वस्तुओं का मुफ्त वितरण किया गया। इसके अलावा गौतम नगर स्थित श्रीमद दयानन्द वेदार्ष महाविद्यालय (गुरुकुल) में वेदों को पढ़ने वालों को, सादिक नगर में स्थित जनता आदर्श अंध विद्यालय और अमर कॉलोनी, लाजपत नगर में स्थित अंध विद्यालय में नेत्रहीन बच्चों को मिशन की ओर से दवाईयाँ, फल व अन्य उपयोगी वस्तुओं का मुफ्त वितरण किया गया।
21 अगस्त, 1974 को परम संत कृपाल सिंह जी महाराज के निजधाम प्रस्थान करने के पश्चात दयाल पुरुष संत दर्शन सिंह जी महाराज ने उनके इस कार्य को आगे बढ़ाया और उनके उपरांत संत राजिन्दर सिंह जी महाराज आज संपूर्ण विश्वभर में परम संत कृपाल सिंह जी महाराज द्वारा शुरू किए गए रूहानियत के कार्य को बड़ी ही तेजी से फैला रहे हैं।
सावन कृपाल रूहानी मिशन के अध्यक्ष संत राजिन्दर सिंह जी महाराज आज संपूर्ण विश्व में ध्यान-अभ्यास द्वारा प्रेम, एकता व शांति का संदेश प्रसारित कर रहे हैं, जिसके फलस्वरूप उन्हें विभिन्न देशों द्वारा अनेक शांति पुरस्कारों के साथ-साथ पाँच डॉक्टरेट की उपाधियों से भी सम्मानित किया जा चुका है।
सावन कृपाल रूहानी मिशन के आज संपूर्ण विश्व में 3200 से अधिक केन्द्र स्थापित हैं तथा मिशन का साहित्य विश्व की 55 से अधिक भाषाओं में प्रकाशित हो चुका है। इसका मुख्यालय विजय नगर, दिल्ली में है तथा अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय नेपरविले, अमेरिका में स्थित है।