एक मजबूत छात्र उद्यमिता नीति विकसित करना बेहद जरूरी, यह समय की मांग- निहारिका वोहरा

नई दिल्ली। दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी (डीएसईयू) ने विश्व उद्यमी दिवस-2021 के अवसर पर ‘कोविड -19 के दौरान उद्यमिता: पोस्ट-कोविड वर्ल्ड में उद्यमियों पर अंतर्दृष्टि’ विषय पर वेबिनार का आयोजन किया। डीएसईयू की वाईस चांसलर प्रो. (डॉ.) नेहारिका वोहरा द्वारा संचालित वेबिनार में एकेडेमिक्स, प्रैक्टिशनर्स और छात्रों ने भाग लिया। उद्यमी एवं टीआईई दिल्ली एनसीआर के अध्यक्ष श्रीकांत शास्त्री टेसोल के सीईओ रजत गुप्ता, स्वरा की संस्थापक आशा स्कारिया वेट्टूर और भारत फंड्स प्लेटफॉर्म के सह संस्थापक श्याम मेनन जैसे एक सम्मानित पैनल ने दर्शकों के साथ अपनी अंतर्दृष्टि साझा की।

भारत फंड्स प्लेटफॉर्म के संस्थापक श्याम मेनन, कोविड-19 के दौरान एवं कोविड के बाद उद्यमी वेंचर्स के बारे में बताया कि महामारी के दौरान सभी उद्यमी या उद्यमों को जीवित रहने के लिए अपनी लड़ाई लड़नी पड़ी। कंपनियों को अपने कर्मचारियों को बनाए रखने के प्रबंधन के लिए संघर्ष करना पड़ा। वास्तव में यह वह जगह है, जहां संस्थापकों की हिम्मत और गुणवत्ता बनाये रखते हुए अपनी टीमों को एक साथ रखने में कैसे सक्षम थे, यह सामने आया। महामारी ने कंपनियों को बहुत सारे अतिरिक्त खर्चों की पहचान करने और कटौती करने में सक्षम बनाया और टीम्स अपनी कंपनियों में छंटनी से बचने के लिए कॉस्ट रिडक्शन करने को भी तैयार थीं। हमने इसी अवधि के दौरान एक बड़ा डिजिटल परिवर्तन भी देखा।

स्वरा की संस्थापक आशा स्कारिया नेएक उद्यम को बनाए रखने के लिए अपने अनुभव को साझा किया, जो अभी तीन साल पहले शुरू हुआ है। उन्होंने बताया कि संधारणीय और नैतिक फैशन विकल्पों की बढ़ती प्रवृत्ति का दौर हैं। जब महामारी की मार पड़ी, तो लोगों ने अपने जीवन विकल्पों पर सवाल उठाना और आत्म निरीक्षण करना शुरू किया और अधिक पढ़ना भी शुरू किया। अध्ययन से पता चलता है कि महामारी के दौरान लोग पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूक विकल्प खोज रहे थे। उपभोक्ताओं ने महसूस करना शुरू कर दिया है कि अगर हमें मानव जाति को कायम रखना है, तो हमें अपनी धरती और पर्यावरण को बचाने के लिए और ठोस कदम उठाने होंगे।

टेसोल के सीईओ रजत गुप्ता ने साझा किया कि हमने सबसे पहले यह रेखांकित किया कि बाजार में जीवित रहने के लिए क्या आवश्यक है? दूसरी महत्वपूर्ण बात यह थी कि हमारे सभी हितधारक (स्टेकहोल्डर्स) – कस्टमर्स, एम्प्लाइज, एवं इन्वेस्टर्स के साथ निरंतर ‘संवाद’ करना था, ताकि उन्हें स्पष्ट रूप से स्थिति की सही जानकारी मिलती रहे, जिस से कंपनी के प्रति विश्वास पैदा होता है। अन्यथा स्थिति की अनिश्चितता स्टेकहोल्डर्स के बीच घबराहट और अविश्वास पैदा कर सकती है। इसलिए हमने योजनाबद्ध तरीके से अपने आंतरिक और बाहरी संचार की योजना बनाई।

टीआईई, दिल्ली- एनसीआर के अध्यक्ष श्रीकांत शास्त्री ने कहाकि 90 दिनों में 20 लोगों की एक टीम एक तिहाई कॉस्ट पर वेंटिलेटर बनाने में सक्षम थी, क्योंकि वे आवेशपूर्ण और प्रेरित थे। एक सफ़ल उद्यम बनाने के लिए ओपन फीडबैक एवं व्यक्तिगत रुचियों से ऊपर सोशल कॉज को रखना भी आवश्यक है।

कार्यक्रम के समापन में, डीएसईयू को वाईस चांसलर नेहारिका वोहरा ने इस बात पर बल दिया कि छात्रों को उनके विचारों के लिए परीक्षण का अवसर प्रदान करना और इन्वेस्टमेंट करने से पहले कम्पटीशन का विश्लेषण करने की क्षमता प्रदान करना, ऐसे तरीके हैं, जिससे विश्वविद्यालय और संस्थान ‘एन्त्रेप्रेंयूरिअल मिंडसेट’ का समर्थन कर सकते हैं। निष्कर्ष के रूप में, वी.सी. ने इस बात पर जोर दिया कि वेबिनार के दौरान हुई चर्चाओं से यह स्पष्ट है कि एक मजबूत छात्र उद्यमिता नीति विकसित करना अनिवार्य है। यह समय है, कुछ ऐसा बनाएं जो मौजूद नहीं है और उसमे लगातार इन्वेस्ट करें।

दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी उद्यमिता के प्रति युवाओं के लिए एक सस्टेनेबल नेटवर्क स्थापित करना चाहती है। विश्वविद्यालय का उद्देश्य छात्रों को उद्यमिता की मूल बातें सीखने के अवसर प्रदान करना है । उनके डोमेन के लिए डिमांड एवं सप्लाई का विश्लेषण करना, उनके फिननेस को प्रबंधित करना, उनके विचारों का परीक्षण करना एवं गाइडेंस, मेंटरशिप और फंडिंग के माध्यम से उनकी सहायता करके उनके विचारों का आगे बढ़ाना  हैं।

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