और कर्ज लेने की हिम्मत नहीं : इमरान खान
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की आर्थिक हालत यूं तो हमेशा ही खराब रही है, लेकिन अब वह जिस तंगहाली में पहुंच गया है उसके मुताबिक मुल्क का नाम बदलकर कंगालिस्तान कर देना ठीक रहेगा। गले तक कर्ज में डूबे पाकिस्तान से कभी सऊदी अपना पैसा मांग रहा है तो कभी कभी यूएई। एक लोन चुकाने के लिए उसे दूसरा लोन लेना पड़ रहा है। हालात इतने खराब हो गए हैं कि ‘नया पाकिस्तान’ बनाने के वादे के साथ सत्ता में आए इमरान खान ने कबूल किया है कि मुल्क अब और कर्ज लेने की स्थिति में नहीं रह गया है। पाकिस्तान में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत बढ़ाए जाने के बाद इमरान खान ने कहा है कि तेल की कीमतों में इजाफे का बोझ ग्राहकों पर इसलिए डालना पड़ा ताकि देश को और अधिक कर्ज के बोझ से बचाया जा सके। एक प्राइवेट टेलीविजन को दिए इंटरव्यू में कहा कि पेट्रोलियम कीमतों को कम रखने के लिए देश और अधिक लोन नहीं ले सकता है। इमरान खान ने यह भी स्वीकार किया कि उनके कार्यकाल में पाकिस्तानी करेंसी की वैल्यू बहुत घट गई है। इमरान खान ने कहा कि रुपये की वैल्यू में गिरावट की वजह से पेट्रोलियम उत्पादों, दालों, घी और आयात की जाने वाली अन्य वुस्तुएं महंगी हो गई हैं। इमरान ने कहा, ”मौजूदा सरकार में डॉलर की वैल्यू 107 रुपये से बढ़कर 160 रुपए हो गई है, इससे भी कीमतें बढ़ी हैं।” पाकिस्तान को कर्ज की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बार-बार जिल्लत का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में मलेशिया में लीज पर लिए गए उसके एक विमान को किराया नहीं चुकाने की वजह जब्त कर लिया गया है। हाल ही में सऊदी अरब ने उससे कर्ज वापस मांग लिया तो चीन से उधार लेकर चुकाना पड़ा। अब यूएई भी जल्दी लोन चुकाने को कह रहा है। पाकिस्तान की हालत इतनी खराब है कि जनता की जान बचाने के लिए वह कोरोना वैक्सीन नहीं खरीद पा रहा है। वह कोवाक्स प्रोग्राम के तहत 20 फीसदी आबादी के लिए मुफ्त वैक्सीन की आस में बैठा है तो इस बीच चीन के सामने भी उसने हाथ फैला दिया, लेकिन ड्रैगन ने भी उसकी बेइज्जती का मौका नहीं छोड़ा और केवल 5 लाख डोज देकर टरका दिया।
पाकिस्तान पर कितना है कर्ज?
इमरान खान पाकिस्तान की तकदीर बदलने के वादे के साथ सत्ता में आए थे लेकिन उन्होंने देश के माथे पर कर्ज का बोझ ही बढ़ाया। इमरान खान की अगुआई वाली पाकिस्तानी सरकार ने कर्ज लेने में रिकॉर्ड बनाते हुए कार्यकाल के पहले साल (अगस्त 2018-अगस्त 2019) के बीच 7.5 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के मुताबिक, जून 2019 तक पाकिस्तान का कुल विदेशी कर्ज 31.786 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपए था। जून 2020 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान का कुल विदेशी कर्ज उसकी जीडीपी के 106.8 फीसदी हो गया है।