जविपा अध्यक्ष अनिल कुमार ने बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार पर लगाया फर्जीवाड़े का आरोप

पटना। जनतान्त्रिक विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार ने बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग सह एस टी डिग्री कॉलेज, सलेमपुर, सोहसराय बिहार शरीफ नालंदा के सचिव श्रवण कुमार पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि श्रवण कुमार ने अपने राजनीतिक ओहदे का गलत इस्तेमाल करते हुए  एस टी डिग्री कॉलेज में 163 कर्मचारियों की फर्जी नियुक्ति के साथ गर्ल्स हॉस्टल के नाम पर UGC का 40 लाख रुपये का गबन किया है। अनिल कुमार ने ये आरोप दस्तावेज को प्रस्तुत करते हुए लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आए दिन भ्रष्ट अधिकारियों के घरों पर छापे मारती है, लेकिन उन अधिकारियों के मंत्री को बचा लेती है। हम पूछना चाहते हैं कि क्या उनके मंत्री इतने दूध के धुले हैं? उन्होंने कहा कि बिहार में शिक्षा की दशा बर्बाद करने में सत्ता में बैठे लोगों का बड़ा हाथ है।

अनिल कुमार ने कहा कि बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने सेवानिवृत फर्जी प्राचार्य अशोक कुमार, इंटर के फर्जी प्राचार्य संजीत कुमार द्वारा जाली दस्तावेज बनाने, फर्जी नियुक्ति करने, फर्जी तरीके से कॉलेज राशि का खाता से निष्कासन, फर्जी डिग्री कॉलेज चलाने, बिहार सरकार से फर्जी रूप से सरकारी अनुदान की प्राप्ति एवं फर्जी तरीके से भुगतान, फर्जी रूप से यू जी सी से विभिन्न मर्दों में फंड प्राप्ति, कॉलेज चपरासी/बैंक चपरासी कृष्णा बहादुर के खाते में पैसे डालकर करोड़ों रुपया की अवैध निकासी की। उन्होंने  के एस टी डिग्री कॉलेज सलेमपुर सोहसराय बिहार शरीफ नालंदा में श्रवण कुमार द्वारा कुल 163 कर्मचारियों की पूर्व की तिथि से फर्जी नियुक्ति- श्रवण कुमार के एस टी डिग्री कॉलेज के सचिव 20 अक्तूबर 2008 को बनाए गए लेकिन उन्होंने पूर्व की तिथि में यथा दिनांक 27/ 28.05.2006 को फर्जी तरीके से कुल 163 कर्मचारियों की नियुक्ति स्वयं के हस्ताक्षर से कर दी तथा पहले से नियुक्त 109 कर्मचारियों की पूरी लिस्ट मगध विश्वविद्यालय, कॉलेज के प्राचार्य डा. अशोक कुमार एवं उसके पुत्र संजीत कुमार के मदद से हटवा दी।

अनिल कुमार ने आगे कहा कि यूजीसी के द्वारा दिए गए अनुदान की राशि 40 लाख रुपया हड़पने के संबंध में के एस टी कॉलेज के लिए 40 लाख रूपया यूजीसी ने वित्तीय वर्ष 2014-15 में स्वीकृत किया। उस समय UGC को जो जमीन बताया गया वह जमीन इंटर कॉलेज में पहले से ही दिया जा चुका था, और उसी जमीन को धोखा-धड़ी करते हुए फिर से UGC में गर्ल्स हॉस्टल के लिए दिया गया, जिसका दस्तावेज हमारे पास उपस्थित है। गर्ल्स हॉस्टल की जमीन जो यूजीसी को फर्जी तरीके से दिखाया गया, वह जमीन तो इंटर कॉलेज का था. इसलिए ये पूरे 40 लाख रुपये के गबन का मामला है। इस रुपये को माननीय सचिव द्वार पूरा निगल लिया गया।

कुमार ने कहा कि कॉलेज कैंपस के अंदर भवन निर्माण मामला- किसी कॉलेज के कैंपस अंदर किसी व्यक्ति का निजी जमीन होता है. सचिव माननीय मंत्री श्रवण कुमार जी बताना चाहिए कि किस परिस्थिति के टी कॉलेज के अंदर अशोक कुमार का जमीन है?  उन्होंने अपने उम्र को लेकर भी फर्जीवाड़ा किया है। ज्ञात हो श्रवण कुमार डिग्री कॉलेज के सचिव थे न कि इंटर कॉलेज के ज्ञात हो इंटर कॉलेज के पदेन सचिव बिहार विद्यालय परीक्षा समिति उच्चतर माध्यमिक नियम 2010 के अनुसार प्राचार्य होते हैं। इस प्रकार यह श्रवण कुमार के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। इस प्रकार जब भी किसी प्रकार का विरोध या वित्तीय मामले पर कोई विवाद होता है तो डा. अशोक कुमार श्रवण कुमार, की मदद से कभी स्वयं तो कभी संजीत कुमार को को बदल बदल कर कार्यभार देते रहते हैं। इस प्रकार तीनों कॉलेज के वित्तीय लूट में लिप्त हैं। हम इसकी जांच की मांग करते हैं और दोषियों पर कड़ी से कड़ी कारवाई करने कि मांग करते हैं।

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