जीत का अमृत पाया डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय ‘आलोक’ व विजयलक्ष्मी ‘विभा’ ने

इंदौर (मप्र)। देश भक्ति की भावना से पूर्ण विषय पर हिंदी में श्रेष्ठ लेखनी चलाकर राष्ट्रीय स्पर्धा में पद्य में डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय ‘आलोक’ प्रथम व हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ द्वितीय विजेता बने हैं। ऐसे ही गद्य वर्ग में विजयलक्ष्मी ‘विभा’ ने प्रथम और डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ ने दूसरा स्थान पाया है।

यह जानकारी मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन और संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने  परिणाम जारी करते हुए दी। आपने बताया कि,राष्ट्र भाषा-मातृ भाषा हिंदी के प्रचार हेतु हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार की तरफ से स्पर्धाओं का दौर सतत जारी है। इस श्रृंखला में आजादी का अमृत महोत्सव को ध्यान में रखते हुए इस बार विशेष विषय ‘75 बरस की आजादी का अमृत और हम’ लिया गया था।

इसमें पद्य में ‘नमन देश की माटी चंदन’ रचना पर डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय ‘आलोक’ (अल्मोड़ा, उत्तराखंड)को प्रथम स्थान दिया गया है। इसी में ‘कहते अमृत आजादी को’ पर हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले'(बिलासपुर,छग)ने द्वितीय तथा ऋचा सिन्हा (मुंबई,महाराष्ट्र) ने ‘देश मेरे’ रचना पर तीसरा स्थान प्राप्त किया।    श्रीमती अर्चना जैन ने बताया कि,1.31 करोड़ दर्शकों-पाठकों का अपार स्नेह पा चुके इस मंच पर गद्य वर्ग में प्रथम विजेता उप्र से विजयलक्ष्मी ‘विभा’ (आजादी का अमृत घट) रही हैं।

मंच संयोजक सम्पादक प्रो.डॉ. सोनाली सिंह व मार्गदर्शक डॉ. एम. एल. गुप्ता ‘आदित्य’ ने सभी विजेताओं तथा सहभागियों को हार्दिक बधाई-शुभकामनाएं दी है। आपने बताया कि,निर्णायक मंडल ने गद्य विधा में ‘आजादी का अमृत और हमारा संकल्प’ रचना पर डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ (जमशेदपुर,झारखण्ड) तथा ‘राष्ट्रयज्ञ में निभाएं अपनी भूमिका’ पर गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’ (बीकानेर,राजस्थान) को तीसरा विजेता घोषित किया है।

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