अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस विशेष: परिवार नियोजन कार्यक्रम में डॉ. मेहा ने लिखी बदलाव की कहानी 

• प्रति वर्ष 750 से 800 महिलाओं की कराती हैं नसबंदी 
• बेहतर कार्य करने के लिए कई बार हो चुकी है सम्मानित
• दूसरे अस्पतालों में भी देती है सेवा
छपरा। मजबूत इच्छा शक्ति मुश्किल लक्ष्य को भी आसान बना देती है. गड़खा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की डॉ. मेहा कुमारी  ने भी कुछ ऐसा ही कर दिखाया है. सरकार के कई प्रयासों के बाद भी जहाँ परिवार नियोजन कार्यक्रम की सफलता में जन-जागरूकता का आभाव एक चुनौती पेश करती है. वहीं प्रति वर्ष गड़खा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉ. मेहा कुमारी प्रति वर्ष 700 से 800 महिलाओं की नसबंदी कराकर इन चुनैतियों को गलत भी साबित कर रही है. अपने इस अहम् योगदान के कारण जिले में सबसे अधिक नसबंदी कराने में वह अव्वल रही हैं. उन्हें कई बार बेहतर प्रदर्शन के लिए सम्मानित भी किया जा चुका है. उनकी ख्याति का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि गड़खा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पोस्टिंग होने के बाद भी डॉ. मेहा अमनौर और दरियापुर प्रखंड में भी जाकर महिलाओं की नसबंदी कराती हैं.
  प्रमंडलीय आयुक्त भी कर चुके है सम्मानित: 
परिवार नियोजन कार्यक्रम में पूरे जिले में बेहतर कार्य करने वाली डॉ. मेहा कुमारी को लगातार पांच वर्षो से जिला स्वास्थ्य समिति की ओर सम्मानित किया जा रहा है. उन्हें प्रमंडलीय आयुक्त, डीएम, सिविल सर्जन का हाथों पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र मिल चुका हैं। बेहतर कार्य करने पर डीएम ने काफी सराहना की है। इस बार भी 2019 में सबसे अधिक महिला बंध्याकरण करने पर डॉ. मेहा कुमारी को जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के द्वारा सम्मानित किया गया है।
सामुहिक सहभागिता से बदल रही तस्वीर: 
डॉ. मेहा कुमारी कहती है, ‘‘गड़ख सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सामुहिका सहभागिता के साथ कार्य किया जाता है। इस कार्य को पूरा करने में सभी कर्मियों का भरपूर सहयोग मिलता है। जिससे परिवार नियोजन के कार्यक्रमों लगातार सफलता मिल रही है और अधिक से अधिक महिलाओं को इसका लाभ पहुंचाया जा रहा है’’.  डॉ. मेहा ने बताया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर विशेष अभियान के अलावा भी स्थानीय स्तर पर कैंप लगाकर लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जाता है।
सुविधाओं से बढ़ी जागरूकता: 
नसबंदी कराने वाली महिलाओं को सरकार की ओर से कई सुविधाएं मुहैया करायी जाती है। जिससे महिलाओं में परिवार कल्याण कार्यक्रम के प्रति जागरूकता बढें।  परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी साधनों के इस्तेमाल में बढ़ोतरी के लिए सरकार द्वारा लाभार्थियों को प्रोत्साहन धनराशि दी जाती है। महिला नसबंदी के लिए 2000 रुपये, प्रसव के बाद महिला नसबंदी कराने पर 3000 रुपये की  प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
नारी शक्ति की भूमिका अहम: 
सिविल सर्जन मधेश्वर झा ने बताया परिवार नियोजन कार्यक्रम को सफल बनाने में नारी शक्ति का प्रभाव साफ़ तौर पर दिखता है. चाहें अस्पतालों में माताओं को सेवा देती एएनएम, चिकित्सक एवं स्टाफ नर्सेज हो या क्षेत्रीय दायित्व का निर्वहन करती आशा कार्यकर्ताएं हो. सभी के सामूहिक प्रयास से जिले की स्वास्थ्य स्थिति में निरंतर सुधार हो रहा है. मेरी सबसे यही अपील होगी कि आम-जन भी इनका सहयोग करें ताकि स्वस्थ एवं खुशहाल समाज की परिकल्पना को मिलकर साकार किया जा सके.

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